राजनीति से हर भारतीय प्रभावित लेकिन वकीलों और न्यायधीशों की वफादारी संविधान के प्रति हो: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

एक बार फैसला सुनाए जाने के बाद, यह सार्वजनिक संपत्ति बन जाती है। एक संस्था के रूप में हमारे पास व्यापक कंधे हैं। हम प्रशंसा और आलोचना दोनों प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। 

CJI DY Chandrachud on Political inclination of Judiciary: भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत के प्रत्येक नागरिक में एक राजनीतिक विचारधारा या उसके प्रति झुकाव होने की संभावना बनी रहती है लेकिन वकीलों और न्यायाधीशों की वफादारी संविधान के प्रति निर्देशित होनी चाहिए। सीजेआई का लोकसभा चुनाव के पहले न्यायपालिका को गैर-पक्षपातपूर्ण होने की आवश्यकता पर बल दिया जाना, काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सीजेआई, शनिवार को नागपुर के हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित कर रहे थे।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारे जैसे जीवंत और तर्कपूर्ण लोकतंत्र में अधिकांश व्यक्तियों की एक राजनीतिक विचारधारा या झुकाव होता है। अरस्तू ने कहा कि मनुष्य राजनीतिक प्राणी हैं और वकील कोई अपवाद नहीं हैं। हालांकि, बार के सदस्यों के लिए किसी की सर्वोच्च निष्ठा पक्षपातपूर्ण हितों के साथ नहीं होनी चाहिए बल्कि अदालत और संविधान के साथ होनी चाहिए। उन्होंने दोहराया कि न्यायपालिका लगातार अपनी स्वतंत्रता और गैर-पक्षपातपूर्णता पर जोर देने, कार्यपालिका, विधायिका और निहित राजनीतिक हितों से शक्तियों के पृथक्करण को सुनिश्चित करने के लिए आगे आई है।

Latest Videos

न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बार की स्वतंत्रता के बीच घनिष्ठ संबंध

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने जोर देकर कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बार की स्वतंत्रता के बीच घनिष्ठ संबंध है। एक स्वतंत्र बार क़ानून के शासन और संवैधानिक शासन की रक्षा के लिए नैतिक कवच के रूप में कार्य करता है।

फैसला सुनाए जाने के बाद यह सार्वजनिक संपत्ति

सीजेआई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठों के फैसले कठोर कार्यवाही, संपूर्ण कानूनी विश्लेषण और संवैधानिक सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता की परिणति का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि एक बार फैसला सुनाए जाने के बाद, यह सार्वजनिक संपत्ति बन जाती है। एक संस्था के रूप में हमारे पास व्यापक कंधे हैं। हम प्रशंसा और आलोचना दोनों प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। प्रशंसा और आलोचना, चाहे पत्रकारिता के माध्यम से, राजनीतिक टिप्पणी के माध्यम से, या सोशल मीडिया पर, हम विचलित नहीं होते। हालांकि, सीजेआई चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि बार एसोसिएशन के सदस्यों और पदाधिकारियों के रूप में वकीलों को अदालत के फैसलों पर प्रतिक्रिया करते समय आम लोगों से अंतर बनाए रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हाल के दिनों में बार एसोसएिशन के सदस्यों की लंबित मामलों और निर्णयों पर टिप्पणी करने की प्रवृत्ति से बहुत परेशान हूं। आप कोर्ट के सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। इस वजह से गरिमा आपके हाथ में है।

यह भी पढ़ें:

चीन के लद्दाख पर कब्जा को उजागर करने के लिए सोनम वांगचुक के पशमीना मार्च पर प्रशासन का शिकंजा, निषेधाज्ञा लागू

Share this article
click me!

Latest Videos

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का निधन, 92 साल की उम्र में ली आखिरी सांस #short
'ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम...' सुनते ही पटना में बवाल, सिंगर को मांगनी पड़ी माफी । Atal Jayanti Program
आसान है पुरानी कार पर GST का नया नियम, यहां समझें हर एक बात । Nirmala Sitharaman । GST on Cars
CM भजनलाल शर्मा की पत्नी और बेटे करते दिखे दंडवत परिक्रमा, 16 सालों से चल रहा है सिलसिला
Pushpa-2 Stampede Case: Allu Arjun के पहुंचने से पहले ही भीड़ हो गई थी अनियंत्रित, CCTV ने खोले राज