किसान नेताओं की हत्या की साजिश का दावा करने वाले की खुली पोल, जो बोला पड़ताल में सब झूठ निकला

कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उन्होंने दो ऐसे आरोपियों को पकड़ा है, जो किसान नेताओं को गोली मारने आए थे। उन्होंने बताया कि इनका मकसद 26 जनवरी के दिन होने वाले आंदोलन में व्यवधान डालना था। 

नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उन्होंने ऐसे आरोपी को पकड़ा है, जो किसान नेताओं को गोली मारने आया था। उन्होंने बताया कि इनका मकसद 26 जनवरी के दिन होने वाले आंदोलन में व्यवधान डालना था। आरोपी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उसके प्लान में पुलिसवाले भी शामिल हैं। उसने कहा कि सोनीपत के एसएचओ प्रदीप प्लान में शामिल है।

कैसे आरोपी की खुली पोल?

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नकाबपोश आरोपी का नाम योगेश है, जो हरियाणा के सोनीपत जिले का रहना वाला है। योगेश ने अपने बयान में सोनीपत के राई थाने के एसएचओ प्रदीप का नाम लिया था। लेकिन जब पड़ताल की गई तो पता चला कि राई थाने में प्रदीप नाम से कोई शख्स है ही नहीं। राई थाने के एसएचओ का नाम विवेक मलिक है, जो 7 महीने से यहीं पर तैनात है।

"प्लान में पुलिस भी शामिल" 

सिंधु बॉर्डर पर किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि किसान आंदोलन को दबाने के लिए साजिश की जा रही है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक नकाबपोश व्यक्ति को भी पेश किया, जिसने दावा किया कि उनकी टीम के सदस्यों को कथित तौर पर 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली को रोकने के लिए भेजा गया था। उसने कुछ पुलिसवालों के भी नाम लिए, जो इस प्लान में मिले हुए हैं। 

आरोपी ने बताया, उनकी टीम को दो जगहों पर बंदूक दी गई। प्लान में मुताबिक, 26 जनवरी के दिन कुछ आरोपी पुलिस यूनिफॉर्म पहनकर रैली में शामिल हो जाएंगे। जिन चार किसान नेताओं की फोटोग्राफ दी गई थी, उन्हें स्टेज पर ही मारना था। जिस व्यक्ति ने हमें यह सब कहा, वह एक पुलिसवाला था।

"19 जनवरी से यहीं पर हूं"

नकाबपोश ने कहा, मैं 19 जनवरी से यहां हूं। हमें यह पता लगाने का काम सौंपा गया था कि प्रदर्शनकारी हथियार लेकर जा रहे हैं या नहीं। प्लान था कि हमारे अन्य टीम के सदस्य प्रदर्शनकारियों के साथ घुलमिल जाएंगे। और यदि प्रदर्शनकारियों ने अपनी परेड के साथ संपर्क किया, तो हमें उन पर गोली चलाने के लिए कहा गया। किसानों ने सिंघु बॉर्डर से जिस संदिग्ध को पकड़ा है, उसने कथित तौर पर सोनीपत के राई थाने के एक पुलिस अधिकारी का नाम लिया है।

बीकेयू नेता जगजीत सिंह दलेवाल ने कहा कि उनके द्वारा पकड़े गए व्यक्ति ने शुरू में मोर्चा को बदनाम करने की कोशिश की और आरोप लगाया कि विरोध करने वाले लोग विरोध स्थल के पास एक लड़की को परेशान करने में शामिल थे। जब हमने उनसे पूछताछ की तो स्वीकार किया कि उन्होंने सिर्फ यह देखने के लिए हंगामा खड़ा किया कि क्या प्रदर्शनकारी कोई हथियार लेकर चल रहे थे।

दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?

दिल्ली पुलिस ने कहा कि वे किसी भी नकाबपोश व्यक्ति को नहीं जानते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक उनके पास कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। किसानों ने पकड़े गए किसान को हरियाणा पुलिस के हवाले कर दिया। 

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