कांग्रेस ने विपक्षी एकता के लिए दिए बड़े संकेत: मल्लिकार्जुन खड़गे बोले-कौन पीएम होगा इसको तय करने की बजाय एकसाथ मिलकर लड़ना चाहिए...

Published : Mar 01, 2023, 10:36 PM ISTUpdated : Mar 02, 2023, 01:31 AM IST
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सार

कांग्रेस के कट्टर सहयोगी स्टालिन ने अपने संदेश में स्पष्ट किया कि कांग्रेस के बिना विपक्षी गठबंधन काम नहीं करेगा।

Congress call for Opposition Unity: कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बड़े संकेत दिए हैं। विपक्षी एकता के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्पष्ट किया है कि पार्टी न तो नेतृत्व करना चाहती है न ही पीएम पद तय करना चाहती है। हम सबको एक साथ लड़ना चाहिए, हम यही चाहते हैं। खड़गे ने कहा कि समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ आना चाहिए और 2024 के लिए गैर-बीजेपी गठबंधन को मजबूत करना चाहिए। विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए पद या नेतृत्व तय करने के लिए लड़ना सही नहीं है। कांग्रेस विपक्षी एकता चाहती है।

क्या कहा मल्लिकार्जुन खड़गे ने?

कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बुधवार को चेन्नई में सहयोगी दल डीएमके के नेता एमके स्टालिन के जन्मदिन समारोह में भाग लेने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि हम विपक्षी एकता चाहते हैं। हम प्रधानमंत्री उम्मीदवार का नाम नहीं दे रहे हैं। हम यह भी नहीं बता रहे हैं कि कौन नेतृत्व करेगा। हम एकसाथ लड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ इस लड़ाई में सभी समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को एक साथ आना चाहिए। हमें 2024 के चुनावों से पहले अपने गठबंधन को मजबूत करना जारी रखना चाहिए।

बता दें कि 2019 व इसके पहले चुनावों में कांग्रेस गठबंधन दलों को साथ लेकर उसको लीड करना चाहती थी। तमाम बार अलायंस इसलिए भी नहीं हो सका कि कांग्रेस ने नेतृत्व से कम स्वीकार नहीं किया। लेकिन इस बार 2024 के पहले स्थितियां बदलती नजर आ रही हैं। कांग्रेस ने विपक्षी एकता के लिए नेतृत्व और पीएम की उम्मीदवारी छोड़ने का संकेत दिया है।

स्टालिन ने कहा-कांग्रेस के बिना विपक्षी गठबंधन बेकार

कांग्रेस के तमिलनाडु में प्रमुख सहयोगी व मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि कांग्रेस के बिना विपक्षी गठबंधन बेकार है। यह किसी काम का नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर हम राज्यों के बीच राजनीतिक मतभेदों के आधार पर अपनी राष्ट्रीय राजनीति तय करते हैं तो नुकसान हमारा है। राजनीतिक दलों को मतभेदों से ऊपर उठकर भाजपा को हराने के लिए एक साथ खड़े होना चाहिए। इसके लिए गैर-कांग्रेसी पहल काम नहीं करेगी। चुनाव के बाद का गठबंधन भी काम नहीं करेगा। तीसरे मोर्चे की बात बेमानी है, भाजपा के विरोधी दलों को इस सरल अंकगणित को समझना चाहिए।

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