जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसले का कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि सरकार को धारा 370 को निष्प्रभावी करने का फैसला वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में कोई भी इस फैसले से खुश नहीं है। यह गलत साबित हो चुका है। इसलिए इस फैसले को वापस लेन चाहिए।
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसले का कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि सरकार को धारा 370 को निष्प्रभावी करने का फैसला वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में कोई भी इस फैसले से खुश नहीं है। यह गलत साबित हो चुका है। इसलिए इस फैसले को वापस लेन चाहिए।
आजाद ने कहा, कश्मीर से गिरफ्तार हुए नेताओं को रिहा करना चाहिए, जिससे राज्य में शांति बहाल हो सके। उधर, डीएमके आर्टिकल 370 पर फैसले के खिलाफ 22 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेगी।
शाह ने कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया
सरकार के इस फैसले का विपक्षी पार्टियां खासकर कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है। इससे पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेलने के लिए यह कदम उठाया है। अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा था कि हमने कश्मीर पर फैसला लेकर सरदार पटेल के सपनों को पूरा किया। कांग्रेस इस मुद्दे पर वोट बैंक की राजनीति कर रही है। ये लोग जो 70 साल में नहीं कर सके, मोदी ने 70 दिन में कर दिया।
31 अक्टूबर से दो केंद्रशासित राज्यों में बंट जाएगा जम्मू-कश्मीर
मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 निष्प्रभावी कर विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया है। अमित शाह ने 5 अगस्त को इसे लेकर राज्यसभा में संकल्प पेश किया था। यहां से पास होने के बाद इसे 6 अगस्त को लोकसभा से पास कराया गया। इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल के तहत 31 अक्टूबर से जम्मू-कश्मीर दो केंद्रशासित राज्य जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बंट जाएगा।