सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आए जयराम रमेश, PM मोदी को तानाशाह बताने के चलते खूब हो रही फजीहत

ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तानाशाह बताने के चलते कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश लोगों के निशाने पर आ गए हैं। लोग तरह-तरह की आलोचनात्मक शब्दों का इस्तेमाल कर जयराम रमेश की फजीहत कर रहे हैं।

Vivek Kumar | Published : Mar 31, 2023 6:07 AM IST / Updated: Mar 31 2023, 01:04 PM IST

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को नए संसद भवन का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस घटना की तस्वीरें कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर शेयर की हैं। इसके साथ ही उन्होंने नरेंद्र मोदी को तानाशाह बताया है। इसके चलते जयराम रमेश लोगों के निशाने पर आ गए हैं। उन्हें सोशल मीडिया पर खूब फजीहत का सामना करना पड़ रहा है।

जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में नए संसद भवन के निर्माण को प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत घमंड की परियोजनाओं में से पहला बताया। इसके साथ ही उन्होंने लिखा, "हर तानाशाह अपनी वास्तु विरासत को पीछे छोड़ना चाहता है। यह पैसे की भारी बर्बादी है।"

 

 

अंकुर सिंह नाम के ट्विटर यूजर ने जयराम रमेश से पूछा कि क्या आपको कोई आइडिया है कि 2012 में किसने कहा था कि वर्तमान संसद भवन पुराना हो गया है। हमें नए संसद भवन की जरूरत है? इसके साथ ही अंकुर ने एक अंग्रेजी वेबसाइट में प्रकाशित किए गए जयराम रमेश के बयान को शेयर किया है। इसमें जयराम रमेश ने कहा था कि हमें नए संसद भवन की आवश्यकता है। वर्तमान संसद भवन काम का नहीं है। यह पुराना है। अंकुर ने पूछा है कि कैसे 2023 में वही नया संसद भवन घमंड और तानाशाह की विरासत का प्रोजेक्ट हो गया?

 

 

आलोक भट्ट ने ट्वीट किया कि यह एक और उदाहरण है कि कैसे कांग्रेस मीरा कुमार के नेतृत्व वाली एलएस समिति की सिफारिश का सम्मान नहीं करती है। इस समिति ने नए संसद भवन के पक्ष में फैसला किया था। पहले इन्हें OBC समाज के लोगों से परेशानी थी। अब ये अपनी ही पार्टी की SC नेता के फैसले का सम्मान नहीं करना चाहते।

 

 

भाजपा नेता सीटी रवि ने ट्वीट किया 'नकली गांधी' के गुलाम के अनुसार दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता तानाशाह हैं। ये गुलाम जीवन भर तानाशाहों की पूजा करने के आदी रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने करोड़ों लोगों के जीवन को बदल दिया है। देश के लोगों को शायद ही उम्मीद करते हैं कि जयराम रमेश पीएम का सम्मान करेंगे।

 

 

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तुहिन ए. सिन्हा ने ट्वीट किया कि कांग्रेस की जानबूझकर अज्ञानता शर्मनाक है। 2026 में परिसीमन होने वाला है। इसके चलते सांसदों की संख्या बढ़ने वाली है। ऐसे में नया संसद भवन बनाना बेहद जरूरी था। UPA सरकार के दौरान 2012 में इसे मंजूरी मिली थी। विष्णु वर्धन रेड्डी ने कहा कि यह गुलाम मानसिकता है। वे अंग्रेजों की छाया से बाहर आने को तैयार नहीं हैं। विजय ने पूछा है कि तो क्या कांग्रेसी सांसद नई संसद भवन का हमेशा के लिए बहिष्कार कर देंगे?

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