10 साल पहले राहुल गांधी नहीं करते यह गलती तो बच जाती संसद की सदस्यता, लालू यादव से था नाता

Published : Mar 24, 2023, 03:37 PM ISTUpdated : Mar 24, 2023, 03:48 PM IST
Rahul Gandhi

सार

2013 में राहुल गांधी ने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश की कॉपी फाड़ दी थी। इसके अनुसार दोषी करार दिए जाने के बाद सांसदों को तीन महीने तक अपनी सदस्यता बचाने की मोहलत मिलती। 

नई दिल्ली। मोदी सरनेम मामले में दो साल जेल की सजा मिलने के बाद शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की संसद सदस्यता खत्म हो गई है। दो साल जेल की सजा मिलने के चलते लोकसभा अध्यक्ष ने यह फैसला किया। राहुल गांधी ने 10 साल पहले एक गलती की थी, जिसके चलते उन्हें आज सदस्यता खत्म होने का सामना करना पड़ रहा है। अगर वह ऐसा नहीं करते तो आज उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं हो पाती।

बात सितंबर 2013 की है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि कोर्ट द्वारा सजा दिए जाने के बाद सांसदों और विधायकों की सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। उस वक्त केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार थी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाने का फैसला किया था। इसके अनुसार दोषी सांसदों को लोकसभा की सदस्यता बचाने के लिए तीन महीने की मोहलत मिलती।

लालू यादव से था अध्यादेश का नाता

उस वक्त कांग्रेस सरकार द्वारा जाए जा रहे अध्यादेश पर बीजेपी समेत अन्य विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए थे। तब कहा गया था कि केंद्र सरकार राजद प्रमुख लालू यादव की लोकसभा सदस्यता बचाने के लिए अध्यादेश ला रही है। लालू को चारा घोटाला केस में दोषी ठहराया गया था।

कांग्रेस नेता अजय माकन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तभी राहुल गांधी पहुंचे थे। उन्होंने मीडिया के सामने यूपीए सरकार द्वारा लाए जा रहे अध्यादेश की कॉपी फाड़ दी थी। इसके बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस मामले में आगे नहीं बढ़े और लालू यादव की संसद सदस्यता खत्म हो गई। आज इसी कानून के तहत राहुल गांधी की सदस्यता भी खत्म हो गई।

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आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(4) के अनुसार राहुल गांधी पर अब आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ने का खतरा मंडरा रहा है। अगर उन्हें कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो दो साल तक वे संसद की सदस्यता से अयोग्य रहेंगे। इसके बाद 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

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