कांग्रेस ने Agnipath योजना की खामियां गिनाई, कहा-पायलट प्रोजेक्ट बिना ही लागू करना घातक, स्थगित हो योजना

Agnipath Scheme के तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती कराया जाएगा। कैंडिडेट्स की उम्र 17 साल छह महीने से 21 साल के बीच में होनी चाहिए। ट्रेनिंग के बाद इस योजना के तहत कैंडिडेट्स , आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में ज्वाइनिंग होगी।अप्लाई करने वाले कैंडिडेट्स को 10वीं और 12वीं पास होना जरूरी है। 

Dheerendra Gopal | Published : Jun 16, 2022 2:57 PM IST

नई दिल्ली। अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) का पूरे देश में विरोध हो रहा है। गुरुवार को कांग्रेस (Congress) ने अग्निपथ योजना की विसंगतियां गिनाते हुए बिना पायलट प्रोजेक्ट के ही इसे लागू करना घातक बताया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अग्निपथ योजना विवादास्पद है, कई जोखिमों को वहन करती है, सशस्त्र बलों की लंबे समय से चली आ रही परंपराओं और लोकाचार को नष्ट करती है और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इस योजना के तहत भर्ती किए गए सैनिक बेहतर प्रशिक्षित और देश की रक्षा के लिए प्रेरित होंगे।

कांग्रेस के सीनियर लीडर पी.चिदंबरम (P.Chidambaram) के नेतृत्व में कांग्रेस प्रवक्ताओं अजय माकन (Ajay Makan), सचिन पायलट (Scahin Pilot) सहित कई अन्य कांग्रेसी नेताओं की मौजूदगी में हुए प्रेस कांफ्रेस में कांग्रेस ने कहा कि यह बहुत चिंता का विषय है कि सरकार ने तीनों रक्षा बलों में 46,000 सैनिकों की भर्ती के लिए अग्निपथ नामक योजना की घोषणा की है। हमने सेवानिवृत्त रक्षा अधिकारियों द्वारा व्यक्त विचारों को पढ़ा और सुना है। लगभग सर्वसम्मति से, उन्होंने इस योजना का विरोध किया है और हम मानते हैं कि कई सेवारत अधिकारी योजना के बारे में समान विचार व्यक्त कर रहे हैं।

Latest Videos

अग्निपथ योजना प्रशिक्षण का माखौल उड़ा रही

कांग्रेस ने कहा कि हमारी पहली चिंता यह है कि अग्निपथ के सिपाही को छह महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा और वह अगले 42 महीनों तक अपनी सेवा देगा, जब 75 प्रतिशत रंगरूटों को छुट्टी दे दी जाएगी। हमें ऐसा प्रतीत होता है कि यह योजना प्रशिक्षण का मखौल उड़ाती है; रक्षा बलों में एक अप्रशिक्षित और दुर्भावना से प्रेरित सैनिक को शामिल करना; और समाज में एक निराश और दुखी पूर्व सैनिक को छुट्टी देता है।

भर्ती की उम्र - 17 से 21 साल - कई सवाल उठाती है। हमारे युवाओं का एक बड़ा हिस्सा रक्षा बलों में सेवा करने से पूरी तरह बाहर हो जाएगा। पेंशन बिल पर बचत का घोषित उद्देश्य एक कमजोर तर्क है और संदेह से परे स्थापित नहीं किया गया है। दूसरी ओर, प्रशिक्षण की छोटी अवधि (6 महीने) और असामान्य रूप से कम सेवा अवधि (42 महीने) की गुणवत्ता, दक्षता और प्रभावशीलता पर नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। 

जांबाज सैनिकों का उद्देश्य खतरे में पड़ जाएगा

कई प्रतिष्ठित रक्षा अधिकारियों ने बताया है कि एक लड़ाकू सैनिक को अपनी यूनिट पर गर्व होना चाहिए; अपने देश और साथियों के लिए अपनी जान देने को तैयार होना चाहिए; जोखिम से बचना नहीं चाहिए; और नेतृत्व का प्रदर्शन करने में सक्षम होना चाहिए। उन्हें डर है कि योजना के तहत इनमें से हर एक उद्देश्य खतरे में पड़ जाएगा।

पहले पायलट प्रोजेक्ट लागू करना चाहिए

कांग्रेस ने कहा कि छुट्टी के बाद के अवसरों पर गृह मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय द्वारा की गई घोषणाएं, बिना सोचे समझे योजना को लागू करने की बात दोहराती हैं। वे दिखाते हैं कि इस योजना की खराब कल्पना की गई थी और जल्दबाजी में इसे तैयार किया गया था। भर्ती के तरीके में एक बड़े बदलाव की पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए थी और एक पायलट योजना का परीक्षण किया जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है।

सरहदों को लेकर भी चिंताएं बढ़ेगी

कांग्रेस की ओर से यह कहा गया है कि हमारी सीमाओं की स्थिति को देखते हुए, यह अनिवार्य है कि हमारे रक्षा बलों में ऐसे सैनिक हों जो युवा हों, अच्छी तरह से प्रशिक्षित हों, प्रेरित हों, खुश हों, संतुष्ट हों और अपने भविष्य के प्रति आश्वस्त हों। अग्निपथ योजना इनमें से किसी भी उद्देश्य को आगे नहीं बढ़ाती है। जल्दबाजी में तैयार की गई योजना के परिणामों से देश को आगाह करना हमारा कर्तव्य है। हम सरकार से अग्निपथ योजना को स्थगित रखने, सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करके आवश्यक बदलाव की मांग करते हैं।

 

Share this article
click me!

Latest Videos

रिटर्न मशीन हैं 7 Stocks..मात्र 1 साल रखें बढ़ेगा पैसा!
कहीं आपके घी में तो नहीं है जानवरों की चर्बी, ऐसे करें चेक । Adulteration in Ghee
New York में Hanumankind, आदित्य गढ़वी और देवी श्री की जोरदार Performance, PM Modi ने लगाया गले
मुजफ्फरनगर में क्यों भिड़ गए योगी के 2 मंत्री, जमकर हुई तू-तू, मैं-मैं । Anil Kumar । Kapil Dev
CM बनते ही दूसरी कुर्सी पर बैठी Atishi , आखिर क्यों बगल में खाली छोड़ दी 'गद्दी' । Arvind Kejriwal