कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार इस कानून को 2024 के लोकसभा चुनावों और विधानसभा चुनावों में लागू करे। पंचायत चुनाव की तरह आसानी से इसे लागू किया जा सकता है।
Women's Reservation Bill: महिला आरक्षण विधेयक दोनों सदनों में पास हो चुका है। सभी प्रमुख दल महिलाओं को आरक्षण देने के मामले में एकमत हैं। हालांकि, बीजेपी ने परिसीमन के बाद 2029 या 2031 में इसे लागू करने को कहा है जबकि कांग्रेस या कई अन्य चाहते हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में इसे लागू किया जाए। गुरुवार को इस बिल पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कबीर के दोहे के साथ यह मांग रखी। उन्होंने कहा कि सरकार इस कानून को 2024 के लोकसभा चुनावों और विधानसभा चुनावों में लागू करे। पंचायत चुनाव की तरह आसानी से इसे लागू किया जा सकता है।
क्या कहा मल्लिकार्जुन खड़गे ने?
राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने में देरी क्यों बीजेपी कर रही है। उन्होंने कबीर को कोट करते हुए कहा कि काल करे सो आज करे, आज करे सो अब...कल लोकसभा में पास हुआ, आज राज्यसभा में पास हुआ, इसलिए इसे इस लोकसभा चुनाव में लागू भी कर देनी चाहिए। पूछा कि बीजेपी इसमें देरी क्यों करना चाहती है। खड़गे ने सरकार से विधेयक में संशोधन करने और 2024 के चुनाव के लिए निचले सदन और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने की अनुमति देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस बिल में संशोधन करना मुश्किल नहीं है। सरकार अभी ऐसा कर सकती हैं लेकिन आपने इसे 2031 तक के लिए टाल दिया है। इसका क्या मतलब है? जब पंचायत चुनावों और जिला पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण (महिलाओं के लिए) हो सकता है तो यह महिलाओं के लिए क्यों नहीं?
दरअसल, सरकार का कहना है कि वर्तमान में विधेयक के लागू होने से पहले जनगणना और परिसीमन की आवश्यकता है। इसलिए इसे 2029 से पहले लागू होने की संभावना नहीं है।
राज्यसभा सभापति मुस्कुराने लगे
कबीर का दोहा सुनने के बाद राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मुस्कुराते हुए नेता प्रतिपक्ष खड़गे को बैठने का इशारा किया। इसके बाद सरकार से जवाब देने को कहा। सरकार की ओर से बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि बीजेपी की मंशा (बिल को देर से लागू करने के संबंध में) सत्ता हासिल करना या राजनीतिक लाभ प्राप्त करना नहीं है। हम इस बिल को महिलाओं के लिए लागू करना चाहते हैं लेकिन हम चाहते हैं इसे सही तरीके से करें, संविधान का पालन करते हुए।
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