कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनाव में 2014 से 304 करोड़ रु ज्यादा खर्च किए, वोट सिर्फ 0.2% बढ़ा

भाजपा की तुलना में आर्थिक संकट से घिरी कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनाव में 2014 की तुलना में ज्यादा खर्च किया है। कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनाव और आंध्र, तेलंगाना समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रचार में 820 रुपए खर्च किया है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 8, 2019 11:00 AM IST

नई दिल्ली. भाजपा की तुलना में आर्थिक संकट से घिरी कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनाव में 2014 की तुलना में ज्यादा खर्च किया है। कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनाव और आंध्र, तेलंगाना समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रचार में 820 रुपए खर्च किया है। यह राशि  2014 में खर्च किए गए 516 करोड़ रुपए से कहीं ज्यादा है। हालांकि, खर्च में बढ़ोतरी के बावजूद 2014 की तुलना में इस बार कांग्रेस का वोट सिर्फ 0.2% बढ़ा। 

कांग्रेस को 2019 में 19.7% वोटों के साथ 52 सीटें मिलीं। वहीं, 2014 में पार्टी को 44 सीटें मिली थीं, तब वोट शेयर 19.5% था। भाजपा ने 2014 में 714 करोड़ रुपए खर्च किया है। हालांकि, पार्टी ने 2019 लोकसभा चुनाव में हुए खर्च का ब्योरा नहीं दिया है। 

कांग्रेस ने चुनावी खर्च की जानकारी 31 अक्टूबर को चुनाव आयोग में दी। इसके मुताबिक, कांग्रेस ने 626.3 करोड़ रुपए पार्टी ने प्रचार पर और 193.9 करोड़ उम्मीदवारों पर खर्च किए हैं। वहीं, पार्टी का कहना है कि तारीखों के ऐलान से चुनाव खत्म होने तक पार्टी का कुल 856 करोड़ रुपए खर्च हुआ है। 
 
कांग्रेस के अलावा इन पार्टियों ने खर्च किया इतना

पार्टी                  खर्च (करोड़ रुपए में)
तृणमूल कांग्रेस 83.6
बसपा55.4
एनसीपी  72.3 
सीपीएम0.73

          
कांग्रेस ने 573 करोड़ रुपए का चेक से पेमेंट किया
लोकसभा चुनाव के वक्त मई में कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड दिव्या स्पंदन ने दावा किया था कि पार्टी के पास पैसे की कमी है। कांग्रेस ने जो 626.3 रुपए प्रचार पर खर्च किया है, उसमें से 573 करोड़ रुपए का चेक से पेमेंट किया है। वहीं, सिर्फ 14.33 करोड़ रुपए कैश में खर्च किया।

कहां कितना रुपए हुआ खर्च 
कांग्रेस ने 356 करोड़ रुपए मीडिया प्रचार और विज्ञापन में खर्च किया। 47 करोड़ रुपए पोस्टर और चुनावी साम्रगी में खर्च किया। 86.82 करोड़ रुपए स्टार प्रचारकरों की यात्रा पर खर्च हुआ। कांग्रेस ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ में 40, उप्र में 36, महाराष्ट्र में 18 करोड़ रुपए खर्च किया। वहीं, बंगाल में 15 करोड़ और केरल में 133 करोड़ रुपए खर्च हुआ है। 

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