BJP-Congress का इस राज्य में होगा alliance, मुद्दा आधारित समर्थन पर कांग्रेस कर रही विचार, हुई मीटिंग

Published : Dec 19, 2021, 06:47 PM IST
BJP-Congress का इस राज्य में होगा alliance, मुद्दा आधारित समर्थन पर कांग्रेस कर रही विचार, हुई मीटिंग

सार

पिछले महीने कांग्रेस को यहां तृणमूल कांग्रेस से बड़ा झटका लगा था। पार्टी 17 विधायकों में से 11 विधायकों ने टीएमसी ज्वाइन कर लिया था।

शिलांग। मेघालय (Meghalaya) में नया राजनीतिक समीकरण उभर कर सामने आ सकता है। एक ताजा राजनैतिक घटनाक्रम में पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में एनडीए (NDA) समर्थिक सरकार को कांग्रेस (Congress) भी मुद्दों पर आधारित समर्थन देने को तैयार है। इस नए राजनीतिक मेलजोल से राज्य में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच विभाजन और चौड़ा होता दिख रहा है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने सीएलपी (कांग्रेस विधायक दल) की मीटिंग के बाद सीएम कोनराड संगमा (Conrad Sangama) को मुद्दों पर आधारित समर्थन की पेशकश की है।

कांग्रेस के इस कदम से तृणमूल में बौखलाहट

तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस के इस कदम को विपक्षी एकता के लिए बड़ा विश्वासघात के रूप में परिभाषित किया है। टीएमसी का कहना है कि मेघालय में कोनराड संगमा की पार्टी के साथ बीजेपी का गठबंधन है। टीएमसी ने कहा कि यह इस तथ्य का प्रतिबिंब है कि मेघालय राज्य में कांग्रेस पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है ... वे भ्रम से भरे हुए हैं। सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी के साथ जुड़कर जो एनडीए की सहयोगी है और मुद्दों पर आधारित समर्थन की पेशकश कर रही है। जिस सरकार में भाजपा साझीदार है, कांग्रेस ने ऐसा रुख अख्तियार कर लिया है, जो विपक्ष के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है।

कांग्रेस के 11 विधायकों ने थाम लिया था टीएमसी का दामन

पिछले महीने कांग्रेस को यहां तृणमूल कांग्रेस से बड़ा झटका लगा था। पार्टी 17 विधायकों में से 11 विधायकों ने टीएमसी ज्वाइन कर लिया था।

कांग्रेस ने दिया यह तर्क

सीएलपी मीटिंग के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता अम्पारीन लिंगदोह ने कहा था कि विपक्ष में पार्टी की पहचान पहले से ही बहुत साफ नहीं है। यह उन मुद्दों पर एक समर्थन होगा जो आम जनता से संबंधित हैं और जहां सरकार और विपक्ष दोनों को उन्हें हल करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है। हम देखेंगे कि हमने सरकार को दिया यह प्रस्ताव कैसे काम करता है लेकिन उस विपक्ष में हमारी पहचान पहले से ही है बहुत धुंधला और भ्रमित करने वाला। हम यह भी नहीं जानते कि क्या हमें विपक्ष में इतने पदों पर फिर से विचार करना होगा जो अब खाली हो सकते हैं।

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