सार
चीन अपने पड़ोसी देशों में सड़क परियोजनाओं को विस्तार दे रहा है। चाइना कम्युनिकेशंस कंस्ट्रक्शन कंपनी की सहायक कंपनी चाइना रोड एंड ब्रिज कॉरपोरेशन, बांग्लादेश में सड़क और पुल बनाने के काम में जुटी हुई है।
नई दिल्ली। चीन (China) अपने पड़ोसी देशों को कर्ज के बोझ में दबाकर उनका शोषण करने में जुटा है। पाकिस्तान (Pakistan) और श्रीलंका (Sri Lanka) को भारी कर्ज के बोझ तले दबा चुका चीन अब बांग्लादेश (Bangladesh) को कंगाल करने में लगा है। चीन की कंपनियां बांग्लादेश में चोरी करने में जुटी हुई हैं। इन कंपनियों ने बांग्लादेश में भूमि के कानूनों का उल्लंघन कर सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया है।
दरअसल, चीन अपने पड़ोसी देशों में सड़क परियोजनाओं को विस्तार दे रहा है। चाइना कम्युनिकेशंस कंस्ट्रक्शन कंपनी (China Communications Constructions Company) की सहायक कंपनी चाइना रोड एंड ब्रिज कॉरपोरेशन (China Road and Bridge Corporation), बांग्लादेश में सड़क और पुल बनाने के काम में जुटी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार इन प्रोजेक्ट्स के लिए कंस्ट्रक्शन मेटेरियल्स के इम्पोर्ट में टैक्स चोरियां धड़ल्ले से हो रही है। इसके साथ ही भू-उपयोग के कानूनों का भी उल्लंघन कर राजस्व में सेंध लगा रही हैं।
पहली बार नहीं हो रहा ऐसा
रिपोर्ट के अनुसार चीन की कंपनियों ने ऐसा पहली बार नहीं किया है। वह तमाम बार ऐसा कर चुकी हैं। इससे पहले दिसंबर 2020 में, नेशनल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू ने टैक्स चोरी के संदेह पर चीनी जेडटीई कॉर्पोरेशन (ZTE Corporation) की सहायक कंपनी जेडटीई बांग्लादेश की जांच शुरू की थी। इसके अलावा प्रोजेक्ट की लागत बढ़ाने में फंड चोरी के आरोपों के बाद चीन को बांग्लादेश में तीन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से हटना पड़ा।
देश के बजट का काफी हिस्सा चीनी कंपनियों ने चोरी किए
टैक्स जस्टिस नेटवर्क के एक अनुमान के मुताबिक बांग्लादेश में मल्टीनेशनल कंपनियों ने देश के बजट का काफी हिस्सा चोरी किया है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो इन कंपनियों ने देश के स्वास्थ्य बजट का कम से कम 3/5वां हिस्सा चोरी किया है। यह देश के शिक्षा बजट का करीब 14 प्रतिशत के बराबर है।
वर्ल्ड बैंक भी जता चुका है शक, कईयों को कर चुका है ब्लैकलिस्ट
दूसरे देशों में प्रोजेक्ट के नाम पर टैक्स चोरी करने वाली चीनी कंपनियों पर वर्ल्ड बैंक (World Bank) को भी शक रहा है। विश्व बैंक इन कंपनियों के खिलाफ अलर्ट मानिटरिंग मोड में रहा है। बिजनेस के नाम पर यह कंपनियां दुनिया के अन्य हिस्सों में टैक्स नियमों का भारी उल्लंघन करती हैं। कई कंपनियों को तो वर्ल्ड बैंक ब्लैकलिस्टेड भी कर चुका है।
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