उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस भारी निराशा में है। रविवार को कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की अहम मीटिंग हुई। बैठक की अध्यक्षता पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने की।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में (Five State elections 2022) करारी हार के बाद कांग्रेस (Congress) भारी निराशा में है। पार्टी का जी-26 ग्रुप एक्टिव हो गया है। इस बीच रविवार को कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की अहम मीटिंग हुई। बैठक की अध्यक्षता पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अंबिका सोनी समेत कांग्रेस कार्य समिति में शामिल अन्य नेता बैठक में मौजूद रहे। एआईसीसी कार्यालय में हुई इस बैठक में 5 राज्यों में चुनावी हार और मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने भाषण में कहा कि अगर पार्टी को लगता है तो हम तीनों (खुद, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा) इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं, लेकिन सीडब्ल्यूसी ने सर्वसम्मति से इसे खारिज कर दिया। सीडब्ल्यूसी ने सर्वसम्मति से सोनिया गांधी के नेतृत्व में अपने विश्वास की पुष्टि की और उनसे सामने से नेतृत्व करने का अनुरोध किया। कहा गया कि कांग्रेस पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव सहित आगामी चुनावों में चुनावी चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। पार्टी की कार्यसमिति की बैठक के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया हमारा नेतृत्व करेंगी और भविष्य के लिए कदम उठाएंगी। हम सभी को उनके नेतृत्व पर भरोसा है।
अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष के लिए राहुल गांधी का समर्थन किया
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि कांग्रेस की एकता के लिए गांधी परिवार महत्वपूर्ण है। राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनना चाहिए। पिछले तीन दशक से गांधी परिवार से कोई भी प्रधानमंत्री या मंत्री नहीं बना। यह समझना महत्वपूर्ण है कि गांधी परिवार कांग्रेस की एकता के लिए महत्वपूर्ण है। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस आंतरिक संघर्ष के कारण पंजाब विधानसभा चुनाव हार गई। 2017 में कांग्रेस एकजुट हुई और हम जीत गए। चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद माहौल भी अनुकूल था, लेकिन यह हमारी गलती थी कि आंतरिक संघर्ष के कारण हम पंजाब में विधानसभा चुनाव हार गए।
भाजपा की आलोचना करते हुए गहलोत ने कहा कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी ने धर्म को आगे लाकर असली मुद्दों को पीछे धकेल दिया। ध्रुवीकरण की राजनीति आसान है। भाजपा ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस को मुस्लिम पार्टी के रूप में प्रचारित किया। हम देश की अखंडता और एकता को बनाए रखने के लिए काम करते हैं। चुनाव के दौरान धर्म सबसे आगे आता है जबकि महंगाई और नौकरियों के मुद्दे बीजेपी के लिए पिछड़ जाते हैं।
पंजाब खोया, बाकी राज्यों में भी बुरा प्रदर्शन
गौरतलब है कि पांच राज्यों के चुनावों में कांग्रेस ने न सिर्फ उत्तर प्रदेश में काफी निराशाजनक प्रदर्शन किया है, बल्कि उसके हाथ से पंजाब भी छिन गया है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में पार्टी की स्थिति खराब होती दिख रही है। इन चुनावों में प्रियंका गांधी के अलावा राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक रहे हैं। माना जा रहा था कि प्रियंका के फॉर्मूले यूपी में पार्टी को बढ़त दिलाएंगे, लेकिन वहां भगवा में रंगी जनता को भाई-बहन की जोड़ी रास नहीं आई। यूपी में कांग्रेस महज 2 सीटें जीत पाई।
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जी-23 समूह के कई नेता भी बना रहे रणनीति
अगस्त 2020 में पार्टी नेताओं के एक वर्ग ‘जी-23’ ने पार्टी आलाकमान पर सवाल उठाए थे। इन्होंने पद छोड़ने तक की बात कही थी। अब पांच राज्यों में हुई करारी हार के बाद ‘जी 23’ समूह के कई नेताओं ने शुक्रवार को भी बैठक की। इसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। यह ग्रुप एक बार फिर सक्रिय हो गया है। इस समूह में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, शशि थरूर और मनीष तिवारी जैसे नेता शामिल हैं। बताते चलें कि कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में इस बार मनीष तिवारी जैसे नेताओं को शमिल नहीं किया गया था।
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