कोरोना महामारी(corona epidemic) के दौरान गरीबों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM-GKAY) के तहत 12 राज्यों ने अपना 100 प्रतिशत अनाज बांटा है। बाकी राज्यों ने भी इस योजना के क्रियान्वयन में उल्लेखनीय योगदान दिया।
नई दिल्ली. मार्च 2020 में देश में कोविड -19 महामारी के प्रकोप के मद्देनजर केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) द्वारा गरीबों के लिए 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी)' की घोषणा के अनुसार, "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Prime Minister Garib Kalyan Anna Yojana) के तहत देश में लगभग 80 करोड़ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लाभार्थियों को 'अतिरिक्त' और 'मुफ्त' खाद्यान्न (चावल / गेहूं) का वितरण शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य महामारी के अप्रत्याशित प्रकोप, लॉकडाउन और देश भर में हुई आर्थिक बाधाओं के कारण गरीबों तथा जरूरतमंदों को खाद्य सुरक्षा की कठिनाइयों को दूर कर सहायता पहुंचना है।
12 राज्यों ने दिया 100 प्रतिशत योगदान
12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों यानी आंध्र प्रदेश, बिहार, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा एवं उत्तर प्रदेश ने पीएम-जीकेएवाई के तीसरे व चौथे चरण के तहत 98% -100% आधार आधारित खाद्यान्न वितरण की रिपोर्ट दी है।
पहले सिर्फ तीन महीने के लिए शुरू की गई थी योजना
2020-21 के दौरान पीएम-जीकेएवाई योजना की घोषणा केवल तीन महीने अप्रैल, मई और जून 2020 (पहले चरण) के लिए की गई थी। बाद में गरीबों तथा जरूरतमंद लाभार्थियों की खाद्य-सुरक्षा को सुनिश्चित करने की निरंतर आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मुफ्त खाद्यान्न के वितरण को जुलाई से नवंबर 2020 (चरण- II) तक पांच महीने की अवधि के लिए और बढ़ा दिया था।
कोरोना के चलते फिर से बढ़ाई गई योजना
हालांकि, 2021-22 में कोविड -19 संकट जारी रहने की वजह से अप्रैल 2021 में सरकार ने फिर से मई और जून 2021 (तीसरे चरण) के दो महीने की अवधि हेतु पीएम-जीकेएवाई के तहत मुफ्त खाद्यान्न के वितरण की घोषणा की और फिर इसको बढ़ाते हुए जुलाई से नवंबर 2021 (चरण- IV) तक पांच महीने के लिए विस्तारित किया गया। इसके बाद, नवंबर 2021 में कोविड -19 से उत्पन्न होती निरंतर कठिनाई को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा मुफ्त खाद्यान्न का वितरण दिसंबर 2021 से मार्च 2022 (चरण- V) तक जारी रखने का निर्णय लिया गया।
2020-21 के दौरान पीएम-जीकेएवाई
फेज I और II (अप्रैल से नवंबर 2020): विभाग ने 8 महीने की वितरण अवधि के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कुल 321 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया था, जिनमें से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने देश भर में प्रति माह औसतन लगभग 94% एनएफएसए आबादी (75 करोड़ लाभार्थी) को 298.8 एलएमटी (लगभग 93%) खाद्यान्न के कुल वितरण की जानकारी दी थी।
2021-22 के दौरान पीएमजीकेएवाई
फेज-III (मई और जून 2021): विभाग ने तीसरे चरण में 2 महीने की वितरण अवधि के लिए 79.46 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया था, इसमें से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने प्रति माह औसतन लगभग 95% एनएफएसए आबादी (75.18 करोड़ लाभार्थी) को 75.2 एलएमटी (लगभग 94.5%) खाद्यान्न के वितरण की रिपोर्ट दी है।
फेज-IV (जुलाई से नवंबर 2021): चौथे चरण के तहत 5 महीने की वितरण अवधि के लिए, विभाग ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अतिरिक्त 198.78 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया था, जिसमें से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 186.1 एलएमटी (लगभग 93.6%) खाद्यान्न के वितरण की सूचना दी थी, इसके अंतर्गत लगभग 93% एनएफएसए आबादी को (74.4 करोड़ लाभार्थी) औसतन प्रति माह कवर किया गया था।
फेज-V (दिसंबर 2021 से मार्च 2022): मार्च 2022 तक पीएमजीकेएवाई को जारी रखने की घोषणा के आधार पर विभाग ने 4 महीने की वितरण अवधि के लिए सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को 163 एलएमटी खाद्यान्न का आवंटन जारी किया था। चूंकि, दूसरे महीने का वितरण हाल ही में शुरू हुआ है, तो राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त हुई रिपोर्ट के अनुसार लाभार्थियों को अब तक लगभग 19.76 एलएमटी खाद्यान्न का वितरण किया गया है। फेज-V के तहत मुफ्त खाद्यान्न का वितरण वर्तमान में जारी है।
इन राज्यों का अनाज बांटने में ये रहा योगदान
2020-21 के दौरान (फेज I और II): मिजोरम (100%), मेघालय (100%), अरुणाचल प्रदेश (99%), सिक्किम (99%)।
2021-22 के दौरान (फेज- III और IV): छत्तीसगढ़ (98%), त्रिपुरा (97%), मिजोरम (97%), दिल्ली (97%) और पश्चिम बंगाल (97%)।
सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्य
एक देश एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी) सुविधा का उपयोग करते हुए बिहार, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने फेज I से IV के दौरान पीएमजीकेएवाई वितरण के लिए अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी लेनदेन की अधिकतम संख्या दर्ज की है।
इसी तरह, एक देश एक राशन कार्ड सुविधा के माध्यम से दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, जम्मू और कश्मीर तथा झारखंड राज्यों ने फेज I से IV के दौरान पीएमजीकेएवाई वितरण के लिए अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी लेनदेन की अधिकतम संख्या की रिपोर्ट दी है।
98% -100% आधार आधारित वितरण-12 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों (आंध्र प्रदेश, बिहार, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा एवं उत्तर प्रदेश) में 90% - 98% वितरण - 4 राज्यों गोवा, मध्य प्रदेश, केरल और गुजरात में 70% - 90% वितरण - 7 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों (ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, अंडमान और निकोबार, झारखंड, मिजोरम तथा तमिलनाडु) में विभाग ने पीएमजीकेएवाई के तहत आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियां शुरू की हैं।
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