
नई दिल्ली.दिल्ली दंगे-2020 के आरोपी शाहरुख पठान उर्फ खान को उसके माता-पिता से मिलने के लिए 23 मई को 4 घंटे की पैरोल दी गई थी। इस बीच उसे पुलिस की कस्टडी में घर ले जाया गया। मोहल्ले में मुस्लिम समुदाय द्वारा उसके स्वागत करने के वीडियो ने सवाल खड़े कर दिए हैं। इस वीडियो की पुलिस ने पुष्टि की है। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (National Register of Citizens) के विरोध में दिल्ली में 2020 में दंगे भड़के थे। इसमें शाहरुख पठान ने पुलिसकर्मियों पर रिवाल्वर तान दी थी। इसकी तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए थे। दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे। फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों के मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद के अलावा आम आदमी पार्टी का पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन भी मुख्य आरोपी है।
मानवीय आधार पर कोर्ट ने दी थी पैरोल
कोर्ट ने मानवीय आधार पर दिल्ली दंगों के आरोपी शाहरूख पठान को 23 मई को 4 घंटे की पैरोल दी थी, ताकि वो अपने बीमार पिता से मिल सके। कडकड़ढूमा अदालत स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने पठान के आवेदन को स्वीकार करते हुए पुलिस को निर्देश दिया था कि आरोपी शाहरुख पठान को चार घंटे के लिए हिरासत में उसके पिता से मिलवाने के लिए ले जाया जाए। इसके बाद पुलिस शाहरुख को उसके घर लेकर गई थी। यह वीडियो तभी का है।
पिता भी दो बार जेल जा चुका है
दिल्ली के अरविंद नगर में रहने वाले शाहरुख ने दंगे के दौरान 8 राउंड की फायरिंग की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शाहरुख अपने बड़े भाई और माता-पिता रहता है। शाहरुख के पिता का नाम शावर पठान है। करीब 1985 से ही उसके पिता यहां पर रह रहे हैं। शाहरुख के पिता 2 बार जेल जा चुके हैं। उन पर ड्रग सप्लाई का आरोप लगा था। पुलिस के अनुसार, शाहरुख पठान ने 24 फरवरी, 2020 को दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल दीपक दहिया को मारने के मकसद से पिस्टल तान दी थी। इस घटना की तस्वीरें वायरल होने के बाद शाहरुख फरार हो गया था। लेकिन 3 मार्च, 2020 को उत्तर प्रदेश के शामली जिले से उसे पकड़ लिया गया था। आरोपी ने शामली में कलीम अहमद के घर शरण ली थी। लेकिन मोबाइल लोकेशन से इसकी पुष्टि होते ही पुलिस ने 26, 27 फरवरी और 3 मार्च को अहमद के घर छापा मारा था। अहमद ने आरोपी को नया मोबाइल भी दिलाया था।
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