कर्नाटक में एक बार फिर कुछ मुस्लिम लड़कियों ने हिजाब मामले (Karnataka Hijab row) को लेकर विवाद पैदा किया है। इनके हिजाब पहनने की अनुमति मांगे जाने के बाद बाकी छात्र भड़क उठे और मैंगलोर यूनिवर्सिटी के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। बता दें कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में है। हालांकि अभी इस पर सुनवाई नहीं हुई है। जबकि कर्नाटक हाईकोर्ट स्कूल-कॉलेज में हिजाब के खिलाफ अपना आदेश सुना चुका है।
मंगलुरु. कर्नाटक की मंगलुरु यूनिवर्सिटी में हिजाब पहनकर आईं लड़कियों के विरोध का मामला सामने आया है। कुछ मुस्लिम लड़कियों ने हिजाब मामले (Karnataka Hijab row) को लेकर विवाद पैदा किया है। इनके हिजाब पहनने की अनुमति मांगे जाने के बाद बाकी छात्र भड़क उठे और मैंगलोर यूनिवर्सिटी के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। बता दें कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में है। हालांकि अभी इस पर सुनवाई नहीं हुई है। जबकि कर्नाटक हाईकोर्ट स्कूल-कॉलेज में हिजाब के खिलाफ अपना आदेश सुना चुका है। बता दें कि CJI एन वी रमन्ना(CJI NV Ramana) ने मामले को स्वीकार करते हुए कहा था कि जल्द इस मामले में सुनवाई होगी।
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40 से अधिक लड़कियां हिजाब पहनकर क्लास में आती हैं
मेंगलुरु में कुछ मुस्लिम छात्रों ने अपनी कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति मांगी है। इसके बाद विरोध शुरू हो गया। मैंगलोर विश्वविद्यालय के हिंदू छात्रों ने कैंपस के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि कॉलेज महीनों से कर्नाटक हाईकोर्ट के निर्देशों को लागू करने में विफल रहा है। 40 से अधिक मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनकर कक्षा में आती हैं।पिछले दिनों यूनिवर्सिटी कॉलेज की कुछ मुस्लिम छात्राओं ने उपायुक्त( Deputy Commissioner) को कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति के लिए एक ज्ञापन सौंपा था। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, इसके बाद यह विवाद शुरू हो गया।
हिजाब पहनना इस्लाम का हिस्सा नहीं
कर्नाटक में हिजाब का विरोध इस साल जनवरी-फरवरी में शुरू हुआ था, जब राज्य के उडुपी जिले के सरकारी गर्ल्स पीयू कॉलेज की कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें हिजाब पहनने के लिए कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया है। हिजाब के विरोध के दौरान कुछ छात्राओं ने दावा किया था कि उन्हें हिजाब पहनने के लिए कॉलेज में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था। जब कर्नाटकहिजाब का विरोध जल्द ही अन्य राज्यों में फैल गया, तो मामला कर्नाटक उच्च न्यायालय में चला गया।
हाईकोर्ट ने हिजाब को अनुमति नहीं दी। कोर्ट ने कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम में एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है और संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धर्म की स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है। इसके साथ ही कर्नाटक उच्च न्यायालय की एक पूर्ण पीठ ने 16 मार्च को मुस्लिमों द्वारा दायर याचिकाओं के एक बैच को खारिज कर दिया।
हैं। कोर्ट ने राज्य द्वारा 5 फरवरी को जारी एक आदेश को भी बरकरार रखा, जिसमें सुझाव दिया गया था कि हिजाब पहनना उन सरकारी कॉलेजों में प्रतिबंधित किया जा सकता है जहां ड्रेस कोड निर्धारित है। न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जे एम खाजी की पूर्ण पीठ ने कहा था कि लड़कियों को हिजाब के साथ कक्षाओं में जाने से रोकने के लिए उडुपी में सरकारी कॉलेज के अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का कोई मामला नहीं बनता है।
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