सोशल मीडिया की नई गाइडलाइन पर सवाल उठाकर पहले से ही विवादों में घिरे ट्विटर ने एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। उसने उप राष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू के निजी ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया है। यानी उसे अनवेरिफाइड कर दिया है। इसे लेकर भाजपा ने ट्विटर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि विवाद के बाद ट्विटर ने अकाउंट का ब्लू टिक री-स्टोर कर दिया। ट्विटर ने इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित कई नेताओं के अकाउंट से ब्लू टिक हटाया है।
नई दिल्ली. ट्विटर ने एक बार फिर विवादों को हवा दी है। उसने उप राष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटाकर भाजपा का आक्रोश जगा दिया है। ब्लू टिक हटाने का मतलब है अकाउंट को अनवेरिफाइड कर देना। यानी ट्विटर उसे नायडू का अधिकृत अकाउंट स्वीकार नहीं करती। ट्विटर ने नायडु के निजी अकाउंट के साथ ऐसा किया है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने भी इसे लेकर आपत्ति जताई है। हालांकि विवाद के बाद ट्विटर ने अकाउंट का ब्लू टिक री-स्टोर कर दिया।
मोहन भागवत के साथ भी यही किया
ट्वीटर ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के अकाउंट से भी ब्लू टिक हटा दिया। बता दें कि इससे पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(RSS) से जुड़े शीर्ष नेता सुरेश सोनी, सुरेश भैया जी जोशी और अरुण कुमार के अकाउंट के साथ भी ऐसा हो चुका है। हालांकि, बाद में सभी के अकाउंट्स में ब्लू टिक लगा दिया गया।
ट्विटर इंडिया ने दी सफाई
शनिवार को जैसे ही उपराष्ट्रपति के अकाउंट से ब्लू टिक हटाया, गया विवाद छिड़ गया। इसके बाद ट्विटर इंडिया ने सफाई दी कि यह अकाउंट लंबे समय से लॉग इन नहीं किया गया था। इस कारण से ब्लू टिक हट गया। ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा-जुलाई 2020 से अकाउंट इनएक्टिवेट है। हमारी सत्यापन नीति के अनुसार अगर अकाउंट इनएक्टिवेट हो जाता है तो ट्विटर ब्लू टिक और वेरिफाइड स्टेटस हटा सकता है।
आईटी मंत्रालय ने जताई नाराजगी
ट्विटर के इस एक्शन पर आईटी मंत्रालय का रियेक्शन आया है। सूत्रों के हवाले से बताया गया कि मंत्रालय ने कहा है कि देश के नंबर-2 अथॉरिटी के साथ ऐसा बर्ताव नहीं किया जा सकता है। इसके पीछे ट्विटर की नीयत खराब है। आईटी मंत्रालय ने ट्विटर की सफाई को भी एक सिरे से खारिज कर दिया।
Vice President of India ट्रेंड में आया
इस विवाद के साथ ही सोशल मीडिया पर 'Vice President of India' ट्रेंड में आ गया है। लोग खासकर भाजपा नेता इसे लेकर नाराजगी जता रहे हैं। भाजपा नेता सुरेश नाखुआ ने ट्वीट करके पूछा कि उपराष्ट्रपति के अकाउंट से ब्लू टिक क्यों हटाया गया? उन्होंने इसे भारत के संविधान पर हमला बताया है।
लंबे समय से एक्टिव नहीं था अकाउंट
हालांकि कहा यह भी जा रहा है कि नायडु के जिस अकाउंट से ब्लू टिक हटाया गया, वो एक्टिव नहीं था। ट्विटर उसे ही एक्टिव अकाउंट मानता है, जो पिछले 6 महीने से यूज हो रहा हो। एक यूजर ने लिखा कि 23 जुलाई, 2020 के बाद से इस अकाउंट से कुछ भी ट्वीट नहीं किया गया है। यानी यह पिछले 10 महीने से निष्क्रिय है। ट्विटर ऐसे अकाउंट से अपनी नीति के अनुसार ब्लू टिक हटा सकता है।