पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे (Balasore Train Accident) को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि ट्रेन में एंटी कोलेजन डिवाइस नहीं लगा था। डिवाइस लगा होता तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता।
बालासोर। ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार की शाम हुए ट्रेन हादसे (Odisha trains accident) में 280 लोगों की मौत हुई है और करीब 900 घायल हुए हैं। हताहतों में सबसे अधिक पश्चिम बंगाल में रहने वाले लोग हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) शनिवार को घटनास्थल पर पहुंचीं।
उन्होंने मौके पर पहले से मौजूद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की। इसके बाद मीडिया से कहा कि ट्रेन में एंटी कोलेजन डिवाइस नहीं लगा था, जिसके चलते हादसा हुआ। पश्चिम बंगाल सरकार ने हादसे में मरने वाले राज्य के लोगों के परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। घायलों को 1 लाख रुपए और मामूली रूप से चोटिल लोगों को 50,000 रुपए की मदद देने की घोषणा की है।
ममता बनर्जी बोली- अच्छे एक्सप्रेस में से एक है कोरोमंडल एक्सप्रेस
घटनास्थल पर जायजा लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, "कोरोमंडल एक्सप्रेस सबसे अच्छे एक्सप्रेस में से एक है। मैंने रेल मंत्रालय में तीन बार काम किया है। मुझे जो जानकारी है, मैंने जो देखा है। यह 20वीं शताब्दी का सबसे बड़ा हादसा है। 1981 में बिहार में एक बड़ा हादसा हुआ था। हमारे वक्त में भी एक माओवादी घटना हुई थी। हमने घटना की जांच सीआईडी को दी, आज तक कुछ पता नहीं चला।"
एंटी कोलेजन डिवाइस से कम हुए थे ट्रेन हादसे
ममता बनर्जी ने कहा, "रेलवे में एक सुरक्षा कमीशन है। जब भी कोई हादसा होता है तो जांच के लिए रेलवे सेफ्टी कमीशन को दे दिया जाता है। वे लोग जांच करते हैं और रिपोर्ट देते हैं। जब मैं रेल मंत्री थी तो एंटी कोलेजन डिवाइस लाई थी। इसके बाद से रेल हादसा कम गया था। यह एंटी कोलेजन डिवाइस ऐसा है कि एक लाइन में दो ट्रेन आ जाने पर ट्रेन रुक जाएगी। अगर कोई ट्रेन सामने पड़ी है तो दूसरी ट्रेन रूक जाएगी। ड्राइवर सो जाए तो उसे अलर्ट करता है।"
ममता बनर्जी बोलीं- ट्रेन में नहीं लगा था एंटी कोलेजन डिवाइस
ममता बनर्जी ने कहा, "यहां रेल मंत्री हैं। मैं कहना चाहती हूं कि आप देख लीजिए। इसमें एंटी कोलेजन डिवाइस नहीं लगाया गया है, जितना मुझे जानकारी है। अगर एंटी कोलेजन डिवाइस लगाया होता तो यह हादसा नहीं होता। हादसा हो गया है, जिनकी जान चली गई है उन्हें तो जीवन नहीं मिलेगा, लेकिन अभी हमारा काम राहत अभियान है।"
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कैसे हुआ ओडिशा ट्रेन हादसा?
ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार की शाम करीब सात बजे हादसा हुआ। तीन ट्रेनें एक-दूसरे से टकरा गईं, जिससे 280 लोग मारे गए और करीब 900 घायल हुए। बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर हुई है। पश्चिम बंगाल के शालीमार से चेन्नई जा रही शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस बहनागा बाजार स्टेशन से 300 मीटर दूर पटरी से उतर गई। यहां मालगाड़ी खड़ी थी। ट्रेन के डिब्बे मालगाड़ी से टकरा गए। कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे तीसरे ट्रैक पर चले गए थे। इसी दौरान बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस आ गई। इसने पटरी से उतरे कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों को टक्कर मार दी।
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