कोरोना संकट से निपटने विभिन्न राज्यों ने कड़ी पाबंदियां लगाई हैं। जरूरत सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी तरह के काम-धंधे बंद हैं। ऐसी परिस्थिति में गरीब परिवारों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने मई और जून महीने में 5-5 किलो ज्यादा अनाज देने का ऐलान किया है। बता दें कि केंद्र सरकार की 'पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना' के तहत गरीब परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल फ्री में दिया जाता है। पिछले साल भी कोरोनाकाल में इस योजना के तहत गरीबों को अनाज मुहैया कराया गया था।
नई दिल्ली. कोरोनाकाल में काम-धंधे पर असर पड़ा है। ऐसी विकट परिस्थिति में भी कोई गरीब परिवार भूखा नहीं रहे, इसलिए केंद्र सरकार ने अपनी योजना 'पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना' के तहत हर गरीब परिवार के प्रत्येक सदस्य को मई-जून में 5-5 किलो अनाज अधिक देने का ऐलान किया है। इस योजना का लाभ 80 करोड़ गरीब परिवारों को मिलेगा। इस योजना अब मोदी सरकार करीब 26000 करोड़ से अधिक खर्च करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस समय देश कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है, ऐसे में महत्वपूर्ण हो जाता है कि गरीबों को पोषण संबंधित मदद मिले।
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पिछले साल 2020 में जब कोरोना के चलते देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था, तब भी इस योजना से गरीब परिवारों को पेट भरा था। बता दें कि यह योजना सिर्फ अप्रैल-मई और जून 2020 तक के लिए लागू की गई थी, लेकिन बाद में इसे पांच महीने यानी नवंबर, 2020 तक बढ़ा दिया गया था। इस साल फिर कोरोना संकट के कारण गरीबों के सामने रोजी-रोटी की परेशानी खड़ी हो गई। ऐसे में यह योजना उनके लिए संबल बनी हुई है। अगर सिर्फ पिछले साल की बात करें, तो इस योजना के तहत विभिन्न राज्यों ने 116 लाख मीट्रिक टन अनाज केंद्र सरकार से लेकर गरीब परिवारों में बांटा था।
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार पर पिछले साल केंद्र सरकार ने 90000 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्चा किया था। यानी यह जुलाई से नवंबर, 2020 तक का खर्चा था। अगर इसके शुरुआती महीने यानी अप्रैल से जून को भी छोड़ दें, तो करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए खर्चा आया था। पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही यह योजना सामने आई थी।
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