योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले आम लोगों पर दर्ज मामलों को लिए जाएंगे वापस

कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए सरकार ने देशभर में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। लॉकडाउन का देशभर में सख्ती से पालन कराने के लिए कड़ी बंदिशें लगाई गईं और इनका उल्लंघन करने वालों पर मुकदमा दर्ज कर कानूनी शिकंजा भी कसा गया था।

Asianet News Hindi | Published : Feb 13, 2021 12:51 PM IST

लखनऊ. कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए सरकार ने देशभर में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। लॉकडाउन का देशभर में सख्ती से पालन कराने के लिए कड़ी बंदिशें लगाई गईं और इनका उल्लंघन करने वालों पर मुकदमा दर्ज कर कानूनी शिकंजा भी कसा गया था। अब लॉकडाउन उल्लंघन से जुड़े मामलों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। यूपी के   मुख्यमंत्री योगी सरकार ने कहा कि उन पर दर्ज किए गए सभी मामलों को वापस लिया जाएगा।  

दर्ज किए गए मामलों को वापस लिए जाने के दिए गए निर्देश 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार लॉकडाउन उल्लंघन से जुड़े मामले वापस लेगी। साथ ही सरकार ने कुछ दिन पहले व्यापारियों के खिलाफ दर्ज किए गए मामले भी वापस लेने के निर्देश दिए हैं। कहा जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से उत्तर प्रदेश के करीब ढाई लाख लोगों को राहत मिलेगी। यूपी के करीब ढाई लाख लोगों को कोर्ट और थाने के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

लॉकडाउन के दौरान लागू था महामारी एक्ट

लॉकडाउन के दौरान महामारी एक्ट लागू था। लॉकडाउन के उल्लंघन से जुड़े मामलों में पुलिस ने धारा 188 के तहत मामले दर्ज किए थे। सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने और लॉकडाउन के उल्लंघन से जुड़े मामलों में दर्ज केस वापस लेने के निर्देश दे दिए हैं। यूपी सरकार के इस फैसले से आम जनता और व्यापारियों को राहत मिलेगी। ऐसे में अब लोगों को थाने और कचहरी के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

न्यायालय पर से मुकदमों का कम होगा बोझ 

सरकार का मानना है कि इस फैसले से न्यायालय पर से मुकदमों का बोझ कम होगा। यूपी सरकार के मुकदमे वापस लेने का ऐलान करने के साथ ही यूपी ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है। सरकार के कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने और लॉकडाउन के उल्लंघन से जुड़े मुकदमे वापस लेने के फैसले से आम जनता और व्यापारियों को राहत मिलेगी।

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