भारत बायोटेक ने स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन के फेज-3 के क्लीनिकल ट्रायल्स जारी कर दिए हैं। कंपनी के मुताबिक, कोवैक्सिन 81% तक असरदार है। भारत ने जनवरी में भारत बायोटेक की इस वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दिया था। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों और राजनीतिक पार्टियों ने बिना फेज 3 के नतीजे सामने आए, वैक्सीन को मंजूरी देने के फैसले पर सवाल उठाए थे।
नई दिल्ली. भारत बायोटेक ने स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन के फेज-3 के क्लीनिकल ट्रायल्स जारी कर दिए हैं। कंपनी के मुताबिक, कोवैक्सिन 81% तक असरदार है। भारत ने जनवरी में भारत बायोटेक की इस वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दिया था। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों और राजनीतिक पार्टियों ने बिना फेज 3 के नतीजे सामने आए, वैक्सीन को मंजूरी देने के फैसले पर सवाल उठाए थे।
हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर इस वैक्सीन को बनाया है। 1 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन का ही टीका लगवाया था।
27 हजार वॉलंटियर्स पर हुआ था वैक्सीन का इस्तेमाल
भारत बायोटेक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. कृष्णा एल्ला ने बताया कि क्लीनिकल ट्रायल्स के तीनों चरणों में 27 हजार वॉलंटियर्स को यह वैक्सीन दी गई थी। फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल्स के नतीजों के साथ यह साबित हो गया है कि कोवैक्सिन कोरोनावायरस के खिलाफ असरदार है। उन्होंने कहा, यह हमारे लिए बहुत बड़ा दिन है। यह वैक्सीन कोरोना के नए स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगार साबित होगी।
43 वॉलंटियर्स में दिखे थे साइड इफेक्ट
कोवैक्सिन तीसरे चरण में हुए ट्रायल के दौरान 25,800 वॉलंटियर्स को दी गई थी। इसमें 2,433 लोग 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के थे, जबकि 4,500 वॉलंटियर्स गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। तीसरे चरण में वैक्सीनेशन के दौरान 43 लोगों में साइड इफेक्ट भी दिखे थे।
जानिए अन्य वैक्सीन कितनी कारगार
वैक्सीन | असर |
मॉडर्ना | 92% |
फाइजर | 95% |
ऑक्सफोर्ड | 90% |
स्पूतनिक V | 92% |
कोवैक्सिन | 81% |