Covid 19 Updates: Omicron, डेल्टा वेरिएंट से अधिक खतरनाक ! वैक्सीन होगा प्रभावी या नहीं, असमंजस में है दुनिया

Published : Nov 27, 2021, 04:21 PM IST
Covid 19 Updates: Omicron, डेल्टा वेरिएंट से अधिक खतरनाक ! वैक्सीन होगा प्रभावी या नहीं, असमंजस में है दुनिया

सार

कोविड-19 का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन (B.1.1.529) सबसे पहले साउथ अफ्रीका में मिला है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस वेरिएंट के 50 प्रकार के म्यूटेशन है, इसमें से 30 इसके स्पाइक प्रोटीन में हैं। यह डेल्टा वेरिएंट से भी खतरनाक बताया जा रहा है। 

नई दिल्ली। साउथ अफ्रीका (South Africa) में मिले कोविड-19 (Covid-19) वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (B.1.1.529) को लेकर दुनिया के देशों में दहशत है। इसे डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) से कहीं अधिक खतरनाक माना जा रहा है। मल्टीम्यूटेशन (multi mutation) कर रहा यह वायरस इम्यून सिस्टम डेवलप कर रह शरीर को भी डॉज देने में माहिर बताया जा रहा है। हालांकि, राहत वाली बात यह है कि वैक्सीन इस म्यूटेट वायरस पर कारगर है। लेकिन इस दिशा में और रिसर्च और प्रभावी वैक्सीन की आवश्यकता हो सकती है। 

मॉडर्ना तैयार करेगी बूस्टर डोज

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) से पूरी दुनिया के दहशत के बीच अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना (Moderna) ने बूस्टर डोज तैयार करने का ऐलान किया है। मॉडर्ना कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि नए खतरे से निपटने के लिए कंपनी काम कर रही है। कंपनी अपने मौजूदा वैक्सीन को नए वैरिएंट के हिसाब से ज्यादा असरदार बनाएगी। 
मॉडर्ना के सीईओ (Moderna Company CEO) स्टीफन बैंसेल (Stephen Bansell) ने कहा कि नया वेरिएंट ओमिक्रॉन चिंता का कारण बना हुआ है। इसके खिलाफ हम अपनी रणनीति को जल्द से जल्द अंजाम देने में लगे हुए हैं।

साउथ अफ्रीका में मिला ओमिक्रॉन वेरिएंट

कोविड-19 का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन (B.1.1.529) सबसे पहले साउथ अफ्रीका में मिला है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस वेरिएंट के 50 प्रकार के म्यूटेशन है, इसमें से 30 इसके स्पाइक प्रोटीन में हैं। यह डेल्टा वेरिएंट से भी खतरनाक बताया जा रहा है। 

एक सप्ताह में 200 प्रतिशत तक बढ़े केस

ओमिक्रान की वजह से एक सप्ताह के भीतर साउथ अफ्रीका में केसस 200 प्रतिशत तब बढ़ चुके हैं। अफ्रीका के बाद यह वेरिएंट हांगकांग, इजराइल, बोत्सवाना, बेल्जियम तक फैल चुका है।

वैक्सीन कितना होगा प्रभावी, असमंजस में दुनिया

दुनिया के सभी वैक्सीन को चीन में मिले मूल वायरस के हिसाब से बनाया गया है, लेकिन ये स्ट्रैन उस मूल वायरस से अलग है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इस वेरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन कम इफेक्टिव रह सकती हैं यानी उनकी एफिकेसी कम हो सकती है। हालांकि, रिसर्च में यह कहा जा रहा है कि वैक्सीन इस वेरिएंट के लिए भी प्रभावी है।

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