Covid 19 : दूसरे देशों ने शुरू की बूस्टर डोज, भारत में एक्सपर्ट पता लगा रहे, जरूरत है या नहीं

कोरोना के नए वैरिएंट (Covid 19 new variant) के खतरे के बीच सरकार ने बताया है कि बूस्टर डोज (Booster dose) को लेकर विशेषज्ञों की समिति विचार विमर्श कर रही है। गौरतलब है कि ब्रिटेन समेत कई देशों ने बूस्टर डोज देना शुरू कर दिया है। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 30, 2021 2:24 PM IST

नई दिल्ली। कोरोना (Covid 19)के नए स्वरूप ओमीक्रोन (Omicron) के मद्देनजर देश में कोविड रोधी वैक्सीन की बूस्टर डोज (Booster Dose) की मांग उठ रही है। इस बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में बताया कि इस बारे में विशेषज्ञ समूह विचार-विमर्श कर रहे हैं। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि कुछ देश कोविड टीके की बूस्टर डोज दे रहे हैं। लेकिन भारत में इसकी जरूरत है या नहीं, अभी इस पर विमर्श जारी है। उन्होंने कहा-राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह ( NTAGI) और राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण विशेषज्ञ समूह (NEGVAC) बूस्टर  डोज की जरूरत व औचित्य के साथ- साथ कोविड-19 टीकों की डोज से संबंधित वैज्ञानिक प्रमाणों पर सलाह कर रहे हैं। 

डब्ल्यूएचओ ने ओमीक्रोन को बताया है बेहद गंभीर 
दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रोन की पहचान की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे बेहद संक्रामक बताया है। इसके मद्देनजर कई देशों ने अफ्रीकी देशों से यात्रा पर प्रतिबंध लगाए हैं। इसके अलावा भी कई प्रतिबंध लगाए गए हैं।  

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2 से 17 उम्र के बच्चों पर चल रहा वैक्सीन का ट्रायल
भारत में बच्चों के वैक्सीनेशन पर भी काम चल रहा है। 14 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट में सरकार से इस पर जवाब मांगा गया है। दरअसल, देश के कई हिस्सों में स्कूल 100 प्रतिशत क्षमता से खोलने पर लोगों ने आपत्ति जताई है। इस संबंध में अलग-अलग जगहों से कोर्ट में याचिकाएं लगाई गई हैं। पिछले दिनों दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया था कि देश में वैक्सीन का ट्रायल बच्चों पर हो रहा है। जायकोव डी और कोवोवैक्स 2 से 17 उम्र के बच्चों को लगाई जा सकती है। हालांकि इसके लिए अभी ट्रायल के चरणों को पार करना है। 920 बच्चों पर कोवोवैक्स का ट्रायल होना है। हालांकि, इस ट्रायल के लिए बच्चे नहीं मिल रहे हैं। डेढ़ महीने में महज 37 बच्चे इस ट्रायल के लिए मिल सके हैं। मुंबई के नायर अस्पताल को अभी भी 883 बच्चों की तलाश है। यह ट्रायल  2 से 7, 8 से 11 और 12 से 17 वर्ष के आयु के बच्चों की तीन श्रेणियों में होना है। 

फिट बच्चों पर ही होगा ट्रायल
इस ट्रायल में उन्हीं बच्चों को शामिल किया जा रहा है, जो फिट हैं और नई एंटीबॉडी नहीं बनी है। ट्रायल से पहले सभी की जांच की जा रही है। जांच के मानक में अगर बच्चा पात्र साबित होता है, तो ही उसे ट्रायल में शामिल किया जाएगा। 
ट्रायल में शामिल होने वाले बच्चों के अभिभावकों से सहमति-पत्र लिया जाएगा। 

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