Air Pollution: दिल्ली की हवा में मामूली सुधार, AQI 144 दर्ज, प्लास्टिक के कचरे पर बैन

वायु प्रदूषण दिल्ली(Delhi air pollution) के लिए बड़ी समस्या बन गया है। दिवाली के बाद से लगातार यहां की हवा खराब बनी हुई है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से थोड़ी राहत मिली है। SAFAR के मुताबिक दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) मंगलवार को 144 यानी मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया। 
 

नई दिल्ली.वायु प्रदूषण दिल्ली(Delhi air pollution) के लिए बड़ी समस्या बन गया है। दिवाली के बाद से लगातार यहां की हवा खराब बनी हुई है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से थोड़ी राहत मिली है। SAFAR के मुताबिक दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) मंगलवार को 144 यानी मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया। वहीं, नोएडा में एक्यूआई 188 है, जबकि गुरुग्राम में 123 दर्ज किया गया। यह पिछले दिनों की तुलना में थोड़ा और कम है। (फोटो क्रेडिट-voxdotcom)

मौसम बिगड़ने से फिर खराब होगी हवा
मौसम विभाग(IMD) ने चेतावनी दी है कि 23 फरवरी से फिर हवा की गति कम होगी। इससे प्रदूषण बढ़ सकता है। मौसम में बदलाव के चलते दिल्ली में ओवरऑल वायु प्रदूषण(Delhi air pollution) में खासी कमी आई है। रविवार को हवाओं की गति तेज रहने से प्रदूषण फैलाने वाले तत्व कम हुए थे। मौसम विभाग के अनुसार हवा की स्पीड 25-30 किमी/घंटा बनी रह सकती है। 21 फरवरी को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ओवरऑल 149 दर्ज किया गया था।

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प्लास्टिक कचरा से होने वाले प्रदूषण को रोकने की पहल
इस बीच दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समति(Delhi Pollution Control Committee) अन्य राज्यों से प्लास्टिक कचरा लाने पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया है। प्लास्टिक कचरे को निगम के टोल बूथों पर ही रोकने की योजना है। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने देशभर में एक जुलाई से एकल उपयोग प्लास्टिक पर पाबंदी लगाने का नोटिफिकेशन जारी किया था। अब दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने सार्वजनिक सूचना निकाली है। इसमें जहां एकल उपयोग प्लास्टिक का निर्माण करने वाले उद्यमी, स्टाकिस्ट, वितरक, दुकानदार आदि को 30 जून तक इसे बंद करने का आदेश दिया गया है। इधर,दिल्ली की तर्ज पर अब गुरुग्राम में भी वायु प्रदूषण ( Air Pollution) की समस्या से निपटने के लिए स्मॉग टॉवर लगाए जाने की तैयारी है। पिछले हफ्ते गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह (Rao Inderjit Singh)  ने एक समीक्षा बैठक के दौरान जिला अधिकारियों को इसकी योजना तैयार करने का निर्देश दिया है।

क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्स
वायु प्रदूषण का मतलब हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य गैसों व धूलकणों के विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक होना है। वायु प्रदूषण के सूचकांक को संख्या में बदलकर एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाया जाता है। इससे पता चलता है कि हवा कितनी शुद्ध या खराब है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के छह कैटेगरी हैं।

अच्छा (0–50)- इसका मतलब है कि हवा साफ है। इससे सेहत पर खराब असर नहीं पड़ेगा। 

संतोषजनक (51–100)- संवेदनशील लोगों को सांस लेने में मामूली दिक्कत हो सकती है।

मध्यम प्रदूषित (101–200)- अस्थमा जैसे फेफड़े की बीमारी वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों, बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी हो सकती है। 

खराब (201–300)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों को परेशानी हो सकती है।

बहुत खराब (301–400)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों में सांस की बीमारी हो सकती है। फेफड़े और हृदय रोग वाले लोगों में प्रभाव अधिक स्पष्ट हो सकता है।

गंभीर रूप से खराब  (401-500) - स्वस्थ लोगों में भी श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

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