मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के नाम पर नोएडा की महिला को किया डिजिटल अरेस्ट, दिनभर पूछताछ के बाद 11 लाख की ठगी

साइबर अपराधियों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए 50 साल की महिला को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में पूछताछ के बहाने फ्रॉड को अंजाम दिया।

Dheerendra Gopal | Published : Dec 2, 2023 5:37 PM IST

Cyber Fraud in Noida: यूपी के नोएडा में साइबर अपराधियों ने एक महिला को डिजिटल अरेस्ट कर दिन भर फोन से पूछताछ के नाम पर 11 लाख रुपये ठग लिए हैं। नोएडा में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में डिजिटल गिरफ्तारी फ्रॉड का पहला केस दर्ज किया गया है। साइबर अपराधियों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए 50 साल की महिला को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में पूछताछ के बहाने फ्रॉड को अंजाम दिया।

आईवीआर से किया संपर्क

नोएडा की रहने वाली महिला ने बताया कि 13 नवंबर को आईवीआर (इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पांस) कॉल पर उससे संपर्क किया गया था। कॉल करने वाले ने बताया था कि मुंबई में उसके आधार कार्ड का उपयोग करके एक मोबाइल फोन सिम कार्ड खरीदा गया था और इसका इस्तेमाल अवैध विज्ञापन और महिला उत्पीड़न के लिए किया गया।

महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि तब मेरी कॉल एक व्यक्ति, जिसने खुद को मुंबई पुलिस अधिकारी बताया, को ट्रांसफर कर दिया गया। उस व्यक्ति ने कॉल पर फिर स्काइप वीसी पर प्रारंभिक पूछताछ की। इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस में एफआईआर बताते हुए कहा कि उसके पास स्काइप पर कुछ दस्तावेज भेजे गए हैं। पूछताछ के दौरान महिला काफी प्रेशर में आ गई। वह खुद को निर्दोष बताते हुए अपनी बेगुनाही साबित करने लगी। कॉल करने वाले ने बताया कि उसके मामले को सीबीआई मुंबई को ट्रांसफर किया जा रहा है। फिर उन्होंने स्काइप आईडी दी और कहा कि वह उनसे इस मामले में अपने बेगुनाह होने का रिक्वेस्ट कर सकती है कि सीबीआई अधिकारी मेरी गिरफ्तारी वारंट को हटाने के लिए वीसी पर प्राथमिकता जांच करें।

फिर कथित सीबीआई अधिकारी ने महिला को झांसे में लिया

कथित सीबीआई अधिकारी ने उसे बताया कि एयरलाइन के संस्थापक की जांच के दौरान, पुलिस को उसके घर से 246 डेबिट कार्ड मिले। उनमें से एक पर पीड़िता का नाम था। इसका उपयोग उसके आधार कार्ड के साथ एक बैंक खाता खोलने के लिए किया गया था। महिला ने बताया कि उन्होंने बताया कि मेरे खाते का इस्तेमाल 2 करोड़ रुपये के फंड ट्रांसफर के लिए किया गया था जिसके लिए उसे 20 लाख का भुगतान किया गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि मैं इस मामले में शामिल नहीं दिख रहा हूं, इसलिए जांच पूरी करने के लिए मुझे इसकी जरूरत है। इसके बाद उन लोगों ने उसके सिग्नेचर भी स्काइप से ले लिए और उसके खाते से करीब 11.11 लाख रुपये निकाल लिया।

महिला ने थाने में एफआईआर दर्ज कराया

महिला ने यूपी पुलिस के साइबर अपराध अधिकारियों को मामले की सूचना दी। नोएडा सेक्टर 36 में साइबर अपराध पुलिस स्टेशन की प्रभारी निरीक्षक रीता यादव ने कहा कि आईटी एक्ट और आईपीसी की धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज कर लिया गया है।

यह भी पढ़ें:

मणिपुर के सबसे पुराने सशस्त्र गिरोह ने राज्य सरकार से किया शांति समझौता, मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह के साथ किया सामूहिक लंच

Share this article
click me!