अपने संगीतकार जवान बेटे की अर्थी के सामने किसी मां का गायन सुनना, भीतर तक झकझोर कर रख देने वाली घटना है। राजनांदगांव में सुप्रसिद्ध अभिनेत्री और लोक गायिका पूनम तिवारी ने अपने बेटे सूरज की अर्थी के सामने लोकगीत 'एकर का भरोसा चोला माटी के राम' गाया। पूनम पहले भी इसे हजारों बार मंच से गा चुकी हैं, लेकिन आज जो दर्द उनकी आवाज में था, वो एक मां की पीड़ा के साथ उसके हौसले और जज़्बे को बयां कर रहा था।
रायपुर. अपने संगीतकार जवान बेटे की अर्थी के सामने किसी मां का गायन सुनना, भीतर तक झकझोर कर रख देने वाली घटना है। राजनांदगांव में सुप्रसिद्ध अभिनेत्री और लोक गायिका पूनम तिवारी ने अपने बेटे सूरज की अर्थी के सामने लोकगीत 'एकर का भरोसा चोला माटी के राम' गाया। पूनम पहले भी इसे हजारों बार मंच से गा चुकी हैं, लेकिन आज जो दर्द उनकी आवाज में था, वो एक मां की पीड़ा के साथ उसके हौसले और जज़्बे को बयां कर रहा था।
30 साल के जवान बेटे का निधन
30 साल के सूरज पूनम तिवारी के इकलौते बेटे थे। गायक, वादक और रंग छत्तीसा के संचालक सूरज तिवारी का अल्प आयु में निधन हो गया। उन्हें ह्रदय रोग की शिकायत थी और पेसमेकर लगा था। सूरज की इच्छा के अनुसार उनकी शव यात्रा मंडलियों के साथी के साथ गाते बजाते निकली।
सूरज की इच्छा थी कि गाते बजाते निकले शव यात्रा
सूरज ने 29 अक्टूबर को चदैंनी गोंदा के कार्यक्रम मेंतबले पर अपनी अंतिम प्रस्तुति दी थी। तिल्दा के पास के गाँव में पूनम तिवारी द्वारा जय बोलो जय बोलो नारायण का गायन अपने जवान बेटे की लाश के सामने करना जीवन की सारी हकीकत को उजागर कर रहा था। हबीब तनवीर के बहुचर्चित नाटक चरणदास चोर से अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले संगीत नाट्य अकादमी सम्मान से सम्मानित दीपक तिवारी के बेटे सूरज तिवारी का निधन हो गया। सूरज की अर्थी पूरे गीत संगीत के साथ उसकी इच्छा के अनुरूप निकली। उनकी अन्त्येष्टि में खैरागढ़ विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ योगेन्द्र चौबे, रंगकर्मी सिगमा उपाध्याय तथा आज की जनधारा के प्रधान संपादक सुभाष मिश्रा शामिल हुए।