पुलवामा की खूबसूरत घाटी में इंशा शब्बीर आजीविका मिशन के सहयोग से सपनों को दे रहीं ऊंची उड़ान

इंशा ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्हें बचपन से ही कपड़े डिजाइन करने और सिलने का शौक था ।

Dheerendra Gopal | Published : Dec 28, 2023 1:24 PM IST

Insha Shabbir success story: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले की खूबसूरत घाटी में रहने वाली इंशा शब्बीर आज अनेक महिलाओं के लिए स्वतंत्रता, महत्वपूर्ण सुधारों और परिवर्तन का प्रतीक बन गई हैं। पुलवामा के आरिगाम में एक साधारण परिवार में जन्मी इंशा एक व्यवसायिक महिला के तौर पर स्वयं का बुटीक संचालित करती हैं। वह केंद्र सरकार की दीन दयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लाभार्थियों में से एक हैं। यह योजना इंशा जैसी अनेक युवतियों और महिलाओं को उड़ान भरने के लिए पंख लगा रही है।

विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान मीडिया को दिए इंटरव्यू में इंशा ने बताया कि वह वर्ष 2017 में पहली बार दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के बारे में सुनी थी। इसके लिए पंजीकरण करवाया ।

Latest Videos

मिशन के स्कूल में लिया दाखिला

इंशा ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्हें बचपन से ही कपड़े डिजाइन करने और सिलने का शौक था । लेकिन उनके जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया, जब उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत स्थानीय सिलाई स्कूल में दाखिला लिया। यह उनके जीवन में कई बदलाव लेकर आया और वह सक्षम बन सकीं। सिलाई स्कूल से कोर्स पूरा करने के बाद इंशा को एहसास हुआ कि वह अपना बुटीक संचालित कर सकती हैं। उनको अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए पीएमईजीपी उम्मीद ऋण भी मिल गया। यही नहीं, डीएवाई-एनआरएलएम योजना के तहत भी उन्हें आर्थिक सहायता मिली। केंद्र सरकार की इन कल्याणकारी योजनाओं की बदौलत आख़िरकार वह अपना बुटीक प्रारम्भ करने में सक्षम हो सकी।

क्या है दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना आजीविका मिशन

दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना आजीविका मिशन को वर्ष 2011 में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीबों के लिए कुशल और प्रभावी संस्थागत प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाना है, जिससे ये लोग स्थायी आजीविका के साधनों व वित्तीय सेवाओं से लाभान्वित होकर घरेलू आय बढ़ाने में सक्षम हो सकें ।

इंशा के मुताबिक अगर उन्हें इस योजना के तहत सब्सिडी वाला ऋण नहीं मिला होता, तो वह अपना व्यवसाय शुरू नहीं कर पाती। इंशा ने सरकार की व्यावसायिक योजनाओं की सराहना की जो युवाओं की मदद करने के साथ- साथ नये विकसित भारत का निर्माण कर रही हैं। वह कहती हैं कि अब केवल अमीर लोग ही नहीं, बल्कि ग्रामीण और गरीब पृष्ठभूमि वाले लोग भी सफल व्यवसाय कर रहे हैं। इन योजनाओं के लिए इंशा केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करती हैं जिनकी वजह से वह आज आर्थिक रूप सक्षम हो सकी हैं। अब इंशा न केवल अपने वित्त का प्रबंधन करती है, बल्कि अपने बुटीक में अन्य महिलाओं को रोजगार भी प्रदान कर रही हैं। उनका यह छोटा सा बुटीक ‘विकास और आत्मानिर्भरता’ का पर्याय बन गया है।

 

Share this article
click me!

Latest Videos

4000 कमाने वाला बिहारी युवा कैसे बना 100 करोड़ का मालिक । Ashutosh Pratihast
'विधायक जी! मेरे लिए दुल्हन ढूंढ़ दो, आपको वोट दिया था' #Shorts #Mahoba #ViralVideo
दिवाली से पहले 24 Oct. को गुरु पुष्य योग, जानें खरीददारी के सबसे शुभ मुहूर्त
हरियाणा में तीसरी बार बीजेपी सरकार, 13 मंत्रियों ने ली शपथ, दलित-जाट और OBC सब खुश
जानें कहां विसर्जित होंगी Ratan Tata की अस्थियां, क्या थी उनकी अंतिम इच्छा?