भारत में चुनाव खत्म हो चुके हैं पर चुनाव के समय का एक शब्द आज भी हमारे कानों में गूजता रहता है, वह है राष्ट्रवाद। देश की हर पार्टी भाजपा के खिलाफ है क्योकि भाजपा एक राष्ट्रवादी पार्टी है। और अगर राष्ट्रवादी होना अपराध है तो निश्चित रूप से भाजपा नेताओं को इसकी सजा मिलनी चाहिए। लेकिन भारत की जनता ने यह दिखाया है कि उनको किस पर भरोसा है। देश की जनता उन सभी लोगों के खिलाफ है जो की शांति भंग करना चाह रहे हैं। और पहली बार देश को एक मजबूत और निर्णायक छवि वाला नेता मिला है जिसको जनता ने अपार समर्थन दिया है। इस वीडियो में हम बात करेंगे हम राष्ट्रवादी क्यों हैं और हमें राष्ट्रवादी होने पर गर्व क्यों है !
भारत में चुनाव खत्म हो चुके हैं पर चुनाव के समय का एक शब्द आज भी हमारे कानों में गूजता रहता है, वह है राष्ट्रवाद। देश की हर पार्टी भाजपा के खिलाफ है क्योकि भाजपा एक राष्ट्रवादी पार्टी है। और अगर राष्ट्रवादी होना अपराध है तो निश्चित रूप से भाजपा नेताओं को इसकी सजा मिलनी चाहिए।
राष्ट्रवाद एक आधुनिक क्रांति है। 18वीं सदी में ही राष्ट्रवाद को एक भावना के रूप में पहचान मिली थी। राष्ट्रवाद कोई राजनीतिक प्रवत्ति नहीं है बल्कि राष्ट्रवाद अपने देश के लिए उमड़ने वाला प्यार, भरोसा, आस्था और गर्व है। दुनिया भर में सभी राष्ट्रवादी आंदोलनों ने आगे राष्ट्रीय हित में मदद की है और राष्ट्र को समर्थन दिया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फिलीपींस के राष्ट्रपति ने स्वीकार किया है कि वो राष्ट्रवादी हैं। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोकोवी, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे, इज़राइल में प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इन सभी ने राष्ट्रवादी नेता होने का दावा किया है। ये सभी लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नेता हैं, न कि फांसीवादी, जैसा कि आमतौर पर दावा किया जाता है। लोग अपने देशों द्वारा पहचाना जाना चाहते हैं और इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
इकोनॉमिस्ट में एक आर्टिकल छपा था, जिसका शीर्षक था "राष्ट्रवाद का समर्थन से मोदी का दूसरा कार्यकाल सुरक्षित कर सकता है। इस आर्टिकल में आयुष्मान भारत, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, मेक इन इंडिया या स्वच्छ भारत जैसे कामों की कोई चर्चा ही नहीं की गई है। आर्टिकल को देखकर लगता है कि लिखने वाले इन सब चीजों से बेखबर होकर लिखने का काम कर रहे हैं। पर ऐसा प्रतीत होता है कि इन लोगों ने राष्ट्रवाद का गलत मतलब निकाल लिया है। राष्ट्रवाद का अर्थ है देश के लिए प्यार और अपने देश पर महसूस होने वाला गर्व। राष्ट्रवाद का मतलब इसके अलावा कुछ भी नहीं है। खासकर जैसा मीडिया दिखाता है उस तरह से राष्ट्रवाद का किसी भी विशेष धर्म या आर्थिक समूह से कोई वास्ता नहीं है।
देश की जनता इस मुद्दे पर आमतौर पर चुप ही रहती है। लेकिन भारत की जनता ने यह दिखाया है कि उनका भरोसा किस पर है। देश की जनता उन सभी लोगों के खिलाफ है जो देश की शांति भंग करना चाह रहे हैं। साथ ही पहली बार देश को एक मजबूत और निर्णायक छवि वाला नेता मिला है जिसको जनता ने अपार समर्थन दिया है।
अंततः मैं भी एक राष्ट्रवादी हूं और मुझे अपने राष्ट्रवादी होने पर गर्व है। अगर आप भी ऐसी ही सोच रखते हैं तो खुलकर समाज के बीच में आप अपनी भावना प्रकट करें और गर्व से कहें मैं राष्ट्रवादी हूं।
कौन हैं अभिनव खरे
अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विद अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के 100 से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सफल डेली शो कर चुके हैं।
अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA) भी किया है।