घरेलू रक्षा उद्योग export 2025 तक 5 बिलियन यूएस डॉलर करने का लक्ष्य, राजनाथ सिंह ने बताई स्ट्रेटेजी

Published : Oct 20, 2022, 05:52 PM ISTUpdated : Oct 20, 2022, 05:53 PM IST
घरेलू रक्षा उद्योग export 2025 तक 5 बिलियन यूएस डॉलर करने का लक्ष्य, राजनाथ सिंह ने बताई स्ट्रेटेजी

सार

एक्सपो के हिस्से के रूप में 'इन्वेस्ट इन डिफेंस' कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने निवेशकों से मुद्दों को हल करने के लिए बिना किसी झिझक के उनसे या रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से संपर्क करने की अपील की।

Def Expo 2022: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मेक इन इंडिया पर रक्षा सेक्टर फोकस कर रहा है। 2025 तक घरेलू रक्षा उद्योग 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। रक्षा मंत्री ने कहा डोमेस्टिक डिफेंस इंडस्ट्री में स्थिरता के लिए एक्सपोर्ट पर फोकस करना होगा। देश में रक्षा उत्पादन में 22 अरब अमेरिकी डॉलर तक कारोबार पर भी सरकार का फोकस है। 

रक्षा मंत्री गुरुवार को 12वें डिफेंस एक्सपो के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। सेमीनार 'अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग में नई सीमाएं: अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी, नवाचार और मेक इन इंडिया' विषय पर थी। महात्मा मंदिर में यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल और सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित सेमीनार को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि केवल घरेलू मांग हमेशा लाभदायक निवेश करने और उन्हें बनाए रखने के लिए पैमाने की अर्थव्यवस्था प्रदान नहीं कर सकती है।

श्री सिंह ने कहा कि अमेरिकी रक्षा कंपनियों को भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित करने और भारतीय उद्योगों के साथ तकनीकी सहयोग विकसित करने के लिए कमजोरियों और अनिश्चितताओं से मुक्त वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बनाने के यहां स्वागत है। उन्होंने कहा कि हमें अपने वाणिज्यिक और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने और भारत में एक उच्च-प्रौद्योगिकी रक्षा उत्पादन इको-सिस्टम बनाने के लिए अमेरिकी भागीदार के साथ काम करने में प्रसन्नता होगी। अमेरिकी निवेशकों को यहां कोई असुविधा नहीं होगी। भारत के लिए, अमेरिकी कंपनियों के साथ सहयोग एक महत्वपूर्ण कदम होगा जिससे दोनों की शक्तियों, धन और रोजगार सृजन की क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी।

एक्सपो के हिस्से के रूप में 'इन्वेस्ट इन डिफेंस' कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने निवेशकों से मुद्दों को हल करने के लिए बिना किसी झिझक के उनसे या रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से संपर्क करने की अपील की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है और न केवल बड़े कॉरपोरेट बल्कि स्टार्ट-अप और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) भी अब इस क्षेत्र से जुड़े हैं। भारतीय रक्षा उद्योग भविष्य का सूर्योदय क्षेत्र है।

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