बैठक में राजनाथ सिंह की चीन को दो टूक, बोले- चीन ने सीमा की यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया

पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव के बीच शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंग के बीच बैठक हुई। यह चार महीने से चले आ रहे तनाव के बीच मंत्रालय स्तर की पहली बैठक थी। बैठक 2 घंटे 20 मिनट चली।

Asianet News Hindi | Published : Sep 5, 2020 3:32 AM IST / Updated: Sep 05 2020, 02:12 PM IST

नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव के बीच शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंग के बीच बैठक हुई। बैठक 2.20 मिनट चली। यह चार महीने से चले आ रहे तनाव के बीच मंत्रालय स्तर की पहली बैठक थी। इस दौरान राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया कि चीनी सेना की एलएसी पर कार्रवाई द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है, इसलिए जल्द से जल्द चीनी सेना को पीछे हटना शुरू कर देना चाहिए। साथ ही राजनाथ सिंह ने इस पूरे मुद्दे को बातचीत से हल करने पर भी जोर दिया।

राजनाथ सिंह ने दिया स्पष्ट संदेश
 


चीन के अनुरोध पर हुई बैठक
राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने रूस पहुंचे हैं। यहां चीन ने भारत से एससीओ के इतर बैठक करने का अनुरोध किया था। भारत ने इसे स्वीकार कर लिया। इसके बाद मास्को के एक होटल में शुक्रवार रात करीब 9 बजे दोनों के बीच वार्ता शुरू हुई। इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में रक्षा सचिव अजय कुमार और रूस में भारत के राजदूत डी बी वेंकटेश वर्मा भी थे।

ट्वीट कर दी जानकारी
रक्षा मंत्री के कार्यालय से ट्वीट कर बताया गया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री वेई फेंग के बीच हो गई है। यह बैठक 2 घंटे 20 मिनट तक चली। भारत लगातार चीन से सीमा विवाद को बातचीत से हल करने के पक्ष में नजर आ रहा है। 

राजनाथ सिंह ने दिखाए कड़े तेवर
बैठक के बाद कुछ तस्वीरें सामने आईं हैं। इनमें साफ दिख रहा है कि राजनाथ सिंह कड़े लहजे में अपना पक्ष रखते नजर आ रहे हैं। वहीं, चीनी विदेश मंत्री शांति से उनकी बात सुनते नजर आ रहे हैं। मई से भारत और चीन के बीच विवाद चल रहा है। दोनों पक्षों के बीच आमने सामने की शीर्ष स्तर पर यह पहली मुलाकात थी। 

चीन ने फिर की घुसपैठ की कोशिश 
इससे पहले 29-30 अगस्त को चीन के करीब 500 सैनिकों ने पैंगोंग में घुसपैठ की कोशिश की। हालांकि, यहां पहले से मुस्तैद भारतीय जवानों ने इस कोशिश को नाकाम कर दिया। इसके बाद चीन ने 31 अगस्त को भी घुसपैठ की नाकाम कोशिश की। 

15 जून को हुई थी हिंसक झड़प
भारत और चीन के बीच विवाद पिछले 3-4 महीनों से चल रहा है। 15 जून को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, चीन के भी 40 जवान मारे गए थे। हालांकि, चीन ने अब तक आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है।

सख्त लहजा और कड़क आवाज, राजनाथ सिंह ने बैठक में चीन को बता दी भारत की ताकत 

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