केंद्र सरकार देशभर में 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने वाली है। इसके लिए मंजूरी दे दी गई है। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को इनमें से शुरुआती 21 स्कूलों की स्थापना को मंजूरी दी। इन्हें गैर सरकारी संगठनों, निजी स्कूलों और राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में स्थापित किया जाएगा।
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने गैर सरकारी संगठनों, निजी स्कूलों और राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में 21 नए सैनिक स्कूलों (Sainik Schools) की स्थापना को मंजूरी दी है। ये स्कूल देश भर में 100 नए सैनिक स्कूल पार्टनरशिप मोड में स्थापित करने की सरकार की पहल के शुरुआती दौर में स्थापित किए जाएंगे। वे मौजूदा सैनिक स्कूलों से अलग होंगे।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने के विजन के पीछे का उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। इससे छात्रों को सशस्त्र बलों में शामिल होने सहित करियर के बेहतर अवसर मिलेंगे। यह निजी क्षेत्र को आज के युवाओं को कल के जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए परिष्कृत करने का अवसर देगा। इससे निजी क्षेत्र को राष्ट्र निर्माण की दिशा में सरकार के साथ काम करने का मौका मिलेगा।
40 हजार तक मिलेगी वार्षिक सहायता
बता दें कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद में बताया था कि 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना को मंजूरी दी गई है। इनकी स्थापना गैर-सरकारी संगठनों, निजी स्कूलों और राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में होगी। ये स्कूल क्लास 6 से शुरू होंगे। लोकसभा में एक लिखित उत्तर में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार मेरिट-कम-मीन्स पर 50 प्रतिशत शुल्क (40,000 रुपये ऊपरी सीमा) की वार्षिक सहायता प्रदान करेगी। अनुमोदित स्कूल के लिए कक्षा शक्ति के 50 प्रतिशत तक (प्रति कक्षा 50 छात्रों की ऊपरी सीमा) सहायता दी जाएगी।
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सैनिक स्कूल सोसायटी के साथ करना होगा समझौता
जहां तक नए सैनिक स्कूलों के आवंटन का संबंध है, विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 100 नए सैनिक स्कूलों का आनुपातिक वितरण उस विशेष राज्य या संघ राज्य क्षेत्र में जिलों की संख्या के अनुपात में किया गया है। सभी गैर सरकारी संगठन, निजी और राज्य सरकार के स्कूल सरकारी पहल का हिस्सा बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
अनुमोदन इस उद्देश्य के लिए तैयार की गई योग्यता आवश्यकताओं के अधीन होगा। भाग लेने वाले स्कूलों को भागीदारी मोड में नए सैनिक स्कूलों के नियमों और विनियमों से भी सहमत होना होगा। उन्हें सैनिक स्कूल सोसायटी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना होगा।
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