Delhi-NCR में वायु प्रदूषण(Air Pollution) अभी भी खराब स्थिति में बना हुआ है। यहां ओवरऑल AQI 316 दर्ज किया गया। वहीं मौसम और वायु प्रदूषण पर नजर रखने वाली संस्था सफर के अनुसार (Safar) आने वाले दिनों में सर्दी के साथ कोहरा बढ़ने से प्रदूषण और बढ़ सकता है।
नई दिल्ली. Delhi-NCR में वायु प्रदूषण(Air Pollution) की स्थिति अभी भी खराब बनी हुई है। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान की प्रणाली(SAFAR-India) के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) वर्तमान में दिल्ली में ओवरऑल 296 है, जो खराब स्थिति में है। इसके साथ ही मुंबई और पुणे में भी वायु प्रदूषण बढ़ गया है। मुंबई के कुर्ला में AQI 278, जबकि अंधेरी ईस्ट में AQI 184 दर्ज किया गया। वहीं, पुणे के शिवाजी नगर में AQI 296 दर्ज हुआ, जो खराब श्रेणी में आता है।
50 तक AQI माना जाता है अच्छा
एयर क्वालिटी इंडेक्स 0 से 50 के बीच अच्छा माना जाता है। 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक, जबकि 101 से 200 के बीच मध्यम माना जाता है। 201 से 300 के बीच यह खराब श्रेणी में आता है और 301 से 400 के बीच बेहद खराब। 401 से 500 के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर श्रेणी में आता है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में सर्दी का असर बढ़ेगा। सुबह कोहरा छाए रहने से प्रदूषण में ईजाफा होगा।
स्कूल खुले, लेकिन दूसरी पाबंदियां जारी रहेंगी
दिल्ली में क्लास 6 से 12 तक के सभी स्कूल खोले (School Reopen) 18 दिसंबर को खोले जा चुके हैं। इसके अलावा 27 दिसंबर से जूनियर कक्षाओं को ऑफलाइन खोले (Offline Class) जाने की संभावना है। बता दें कि दिल्ली कोरोना के कारण बंद स्कूलों को 1 नवंबर को फिर से खोला गया था, लेकिन दिवाली के बाद प्रदूषण बढ़ने से उन्हें फिर बंद करना पड़ा था। दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में गैर-जरूरी ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध जारी रखा है।
प्रदूषण पर खर्च होता है बढ़ा बजट
‘सफर’ ने कहा है कि अगर उसकी सलाह का पालन किया जाए, तो स्वास्थ्य व्यय पर सालाना 7,694 करोड़ रुपये तक बचाए जा सकते हैं। सलाह ने यह सलाह एक रिसर्च के बाद दी। पुणे में प्रदूषण से पीड़ित लोग चिकित्सा व्यय पर 948 करोड़ रुपये तक बचा सकते हैं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की 2010 में शुरू वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली (सफर) वास्तविक समय में वायु गुणवत्ता पर स्थान-विशिष्ट की जानकारी देती है। यह देश के चार प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, पुणे और अहमदाबाद में एक से तीन दिन पहले तक का पूर्वानुमान व्यक्त करती है। ‘सफर’ की टीम में शामिल सुवर्णा टिकले, इशिका इल्मे और प्रो. गुफरान बेग ने अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका ‘रीजनल इकोनॉमिक डेवलपमेंट रिसर्च’ में ‘भारत के आर्थिक स्वास्थ्य बोझ को कम करने में सफर वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान ढांचे और सलाहकार सेवाओं का प्रभाव’ शीर्षक से रिसर्च पेपर पब्लिश किया है।
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