दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की शराब घोटाले मामले का एक और काला सच सब के सामने आ गया है। उन्होंने एक ऐसा पाप किया है, जिसके बारे में जान कर दिल्ली की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।
Delhi CM Arvind Kejriwal: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की शराब घोटाले मामले का एक और काला सच सबके सामने आ गया है। उन्होंने एक ऐसा पाप किया है, जिसके बारे में जान कर दिल्ली की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। जी हां, केजरीवाल ने खुद को बचाने के लिए मनीष सिसोदिया से जुड़े दिल्ली शराब घोटाले का केस लड़ने के लिए टैक्स के पैसे को पानी की तरह बहाया है।
उन्होंने पिछले 1 वर्ष 8 महीनों में कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी को दिल्ली शराब घोटाले का मामला लड़ने के लिए कोई छोटी-मोटी रकम नहीं बल्कि 18.97 करोड़ रुपये का भुगतान किया। ये एक ऐसा आंकड़ा है, जो शायद किसी आम इंसान के सपनों में भी नहीं आता होगा। इसके अलावा उन्होंने केवल शराब नीति घोटाले के मामलों में वकीलों को कुल 21.50 करोड़ का भुगतान किया गया है, तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि घोटाला कितना बड़ा होगा। इसके अलावा उन्होंने 5.30 करोड़ रुपये का दूसरा सबसे बड़ा भुगतान डॉ. राहुल मेहरा को पिछले 2 साल 8 महीने में कर चुके हैं।
दिल्ली शराब घोटाले मामले में केजरीवाल सरकार द्वारा दिया गया पैसा सिसोदिया की जेब से नहीं बल्कि टैक्स पेयर्स को था। बता दें कि कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी को मनीष सिसोदिया से जुड़े दिल्ली शराब घोटाले का मामला लड़ने के लिए कहा गया था।
अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी को दो दिल्ली शराब घोटाल मामले में अपनी तरफ से केस लड़ने के लिए अब तक दो बार भुगतान किया है। एक बार 14 करोड़ 85 लाख और दूसरी बार करोड़ 12 लाख 50 हजार। इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार की तरफ से केस लड़ने के लिए डॉ राहुल मेहरा को तीन बार भुगतान किया है। पहली बार में 24 लाख 5 हजार, दूसरी बार 3 करोड़ 93 लाख 5 हजार और तीसरी बार 1 करोड़ 37 लाख 75 हजार, जो कुल मिलाकर 5 करोड़ 30 लाख 25 हजार होता है।
शराब घोटाले मामले में वकील को दिए जाने वाले रकम जांच का विषय
दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी (AAP) पी. चिदंबरम, कपिल सिब्बल, इंदिरा जयसिंह व अन्य वकीलों को मिला कर दिए गए पैसे 30 करोड़ के आस-पास है। वहीं अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और मनीष सिसोदिया की तरफ से सेशन कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक 3 से 4 वरिष्ठ वकील हाजिर होते है। उनकी प्राइवेट मैटर की फीस कितनी, कैसे और कहां से दी जाती है, ये एक गहरी जांच का विषय है। सच तो ये है दिल्ली जैसे छोटे राज्य की सरकार ने करोड़ों रुपये सिर्फ वकीलों पर खर्च कर दिये ये भी देश के इतिहास का सबसे बसाव वकील फी घोटाला है।