दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी मामले पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज समीक्षा बैठक बुलाई। यह समीक्षा बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी। इस बैठक में सीएम केजरीवाल के अलावा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री और आयुक्त शामिल होंगे। एक दिन पहले शुक्रवार को ही केंद्र सरकार की ओर से चिठ्ठी लिखकर केजरीवाल सरकार की 'मुख्यमंत्री घर का राशन योजना' पर रोक लगाने को कहा गया था।
नई दिल्ली. दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी मामले पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज समीक्षा बैठक बुलाई। केंद्र सरकार की तरफ से 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' पर रोक लगाए जाने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने फैसला लिया है कि अब ऐसी कोई योजना ही नहीं रहेगी, इसका कोई नाम नहीं होगा, जनता को ऐसा ही राशन पहुंचाया जाएगा। साथ ही केजरीवाल ने कहा कि 'वो केंद्र सरकार की हर शर्त मानने को तैयार हैं।'
सीएम केजरीवाल ने बुलाई समीक्षा बैठक
शनिवार को सीएम केजीरवाल ने समीक्षा बैठक बुलाई थी, जिसके बाद उन्होंने प्रेसवार्ता कर कहा कि 'हम केंद्र सरकार की हर शर्त मानने के लिए तैयार हैं। सीएम केजरीवाल ने कहा कि 'ये 20 वर्ष पुराना सपना था, कि गरीबों को साफ सुथरा और आसानी से राशन मिले। जब सत्ता में नहीं थे, तो ये सपना देखा था। राशन की चोरी की जा रही थी। राशन माफिया पूरी तरह हावी था। विरोध करने पर राशन माफिया ने अटैक किया। फिर, दिल्ली में जब सरकार बन गई, तो निर्णय लेने का अधिकार मिल गया। इसके बाद इस योजना पर व्यक्तिगत रूप से काम किया। किस तरह गरीबों को राशन पहुंचाना है, इसे लेकर योजना बनाई गई। चार साल पहले इस योजना पर काम शुरू कर दिया गया, काफी तकलीफें आईं। राशन माफिया काफी ताकतवर है। ये क्रांतिकारी योजना है। राशन माफिया आसानी से काम नहीं करने देगा।'
हमारा लक्ष्य घर-घर राशन पहुंचाना- केजरीवाल
सीएम केजरीवाल ने कहा कि जनता तक ईमानदारी से राशन पहुंचाना लक्ष्य है। ये योजना काम का क्रेडिट लेने के लिए नहीं लाए थे। हमारा उद्देश्य बस गरीबों की परेशानी को हल करना था। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना शुरू होने जा रही थी। अब तक दुकान से राशन मिलता था, लंबी लाइन में लगना पड़ता था और तरह-तरह की परेशानी होती हैं। सरकार ने समाधान निकालने हुआ आटा, चावल पैैक करके घर भिजवाने का फैसला किया था। 25 मार्च से इस योजना को लागू हुआ था, लेकिन केंद्र सरकार ने लागू करने से इनकार कर दिया। केंद्र के इस फैसले से बड़ धक्का लगा है।
दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप
आम आदमी पार्टी (आप) की अगुआई वाली दिल्ली सरकार ने केंद्र पर प्रमुख डोरस्टेप राशन वितरण योजना को रोक कर रखने का आरोप लगाया है। आप सरकार के एक सूत्र ने कहा, 'बीजेपी शासित केंद्र ने दिल्ली सरकार की डोरस्टेप डिलीवरी स्कीम को रोक दिया है। दिल्ली सरकार की फ्लैगशिप स्कीम राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के लिए उनके घर में अनाज उपलब्ध कराने की योजना है।'
केंद्र से क्यों नहीं मिली मंजूरी?
केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय से जुड़े अधिकारी ने दिल्ली सरकार को लिखे पत्र में कहा है कि एनएफएसए के अनाज के वितरण के लिए दिल्ली सरकार द्वारा योजना के नए नाम को स्वीकृति नहीं दी जा सकती है। हालांकि, केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश सरकार एनएफएसए के अनाजों की मिक्सिंग किए बगैर अलग से कोई योजना बनाती है तो उसे कोई एतराज नहीं होगा।
एनएफएसए के मानदंडों को पालन करने का किया आग्रह
केंद्र सरकार द्वारा लिखे गए पत्र में दिल्ली सरकार से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत पात्र लाभार्थियों को राशन वितरण के लिए एनएफएसए के मानदंडों को पालन करने का आग्रह किया गया है। केंद्र सरकार ने कहा कि एनएफएसए के तहत लाभार्थियों को सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराने के लिए जो राशन राज्यों को आवंटित किया जाता है, उसका उपयोग एनएफएसए के अलावा दूसरे नाम के तहत राज्य की योजना या दूसरी योजना को लागू करने के लिए नहीं किया जा सकता है।