दिल्ली के ओल्ड राजेंद्रनगर में राऊ आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने से तीन स्टूडेंट्स की जान चली गई थी। इन मौतों के बाद कोचिंग सेंटर्स में अनियमितताओं की पोल खुलने लगी और कार्रवाईयां शुरू हो गई।
Delhi Coaching incident: दिल्ली कोचिंग हादसा के बाद राष्ट्रीय राजधानी में यूपीएससी की तैयारियां करने आने वाले स्टूडेंट्स की दुश्वारियां भी सामने आ रही हैं। कोचिंग संस्थान तो कजस्टेड जगहों पर संचालित हो ही रहे हैं, तैयारी करने वाले भी मोटा किराया चुकाकर भी बेहद सकरे कमरा में रहने को मजबूर हो रहे। आलम यह कि एक स्टूडेंट का किताब कापी और टेबल-चेयर किसी तरह उन कमरों में आ सकता। काफी दुश्वारियां उठाकर घर से दूर रह रहे बच्चों में तमाम ऐसे घरों के हैं जिनके लिए रूम रेंट और कोचिंग फीस चुकाना बहुत ही मुश्किल काम है।
डिप्टी एसपी ने दिल्ली के कमरों की दिखाई सच्चाई
डिप्टी एसपी के पद पर कार्यरत अंजलि कटारिया ने एक वीडियो शेयर कर सिविल सेवा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स की स्थिति को दिखाया है। अंजलि कटारिया ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें रूम बामुश्किल से 10 गुणे 10 फीट का है। ऐसे कमरों का मंथली रेंट 12 से 15 हजार बताया जा रहा है। इस कमरे में किसी तरह से एक स्टडी टेबल, चेयर और एक आलमारी फिट हुआ है। कपड़ों को सुखाने के लिए एक हैंगिंग रैक है। जगह की कमी की वजह से एसी के पास एक कुर्सी छत पर टांगा गया है। पूरे कमरे में किताबें हैं। टेबल के पास वाइट बोर्ड पर नोट्स हैं। स्टडी मेटेरियल दीवार पर चिपकाया हुआ है। टेबल पर लैपटॉप है, किताबें है। एक छोटा सा बुक रैक भी वहीं पास में है। एक चेयर पास में है। इन सामानों के रखे होने के बाद कोई बहुत मुश्किल से कमरे में मूवमेंट कर सकता।
पुलिस अधिकारी अंजलि कटारिया ने दी तैयारी करने वालों को सलाह
पुलिस अधिकारी अंजलि कटारिया ने अपने एक्स हैंडल पर वीडियो शेयर करते हुए तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को सलाह भी दी है। उन्होंने लिखा: आप दिल्ली में 10×10 फुट कमरे का 12-15 हजार रुपये किराया भरते हैं, जहां मकान मालिकों का कार्टेल किराया बढ़ाए रखता है। और फिर वहां पढ़ते रूम पर बैठकर ऑनलाइन वीडियो से ही हैं। केवल घर से दूर जाने भर के लिए दिल्ली मत जाइए और घरवालों के पैसे मत बर्बाद करिए। यदि घर पर थोड़ा भी ठीक माहौल है तो ऑनलाइन रिसोर्सेज का इस्तेमाल कर घर से ही तैयारी कीजिए। यदि कॉलेज के दिनों से अकेले पढाई करने की आदत है तो अपने ही शहर में घर से कुछ दूर एक कमरा किराये पर ले लीजिये - जिससे खाना खाने घर आ गए, फिर पढने वापस रूम पर चले गए। कई अभ्यर्थी ऐसा करते हैं।
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