दिल्ली में खत्म नहीं हुई डॉक्टरों की हड़ताल, काउंसलिंग का मुद्दा किनारे कर सरकार के सामने रखीं ये दो मांगें

रेजिडेंट डॉक्टर NEET-पीजी काउंसलिंग की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग कर रहे हैं। सोमवार को प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने डॉक्टरों को हिरासत में लेकर अभद्रता की, जिसके बाद मंगलवार सुबह से डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। इससे  सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के साथ ही दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों में मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 28, 2021 12:21 PM IST / Updated: Dec 28 2021, 09:45 PM IST

नई दिल्ली। नीट-पीजी काउंसिलिंग (NEET PG counseling) में देरी को लेकर दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल अभी जारी रहेगी। मंगलवार रात 8 बजे इस संबंध में फेडरेशन ऑफ रेंजीडेंट डॉक्‍टर्स एसोसिएशन (FORDA) की बैठक हुई। इसमें डॉक्टर दो मांगों पर अड़ गए। इनका कहना है कि दिल्ली पुलिस अपने अभद्र व्यवहार और गलत कार्रवाई के लिए माफी मांगे। इसके अलावा डॉक्टरों के खिलाफ दर्ज सारे केस वापस ले। इससे पहले दिन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कुछ रेजिडेंट डॉक्टरों से मुलाकात कर पुलिस की अभद्रता के लिए खेद जताया था। इसके बाद माना जा रहा था कि डॉक्टर हड़ताल खत्म कर देंगे। लेकिन रात में हुई बैठक के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी रणनीति साफ कर दी है। 

इतना हंगामा आखिर क्यों 
NEET पीजी काउंसलिंग की मांग कर रहे डॉक्टर पिछले 11 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को इन्होंने आईटीओ जंक्शन पर प्रदर्शन किया, जिससे जाम की स्थिति बनी। पुलिस ने इन्हें यहां से हटाया तो डॉक्टर सुप्रीम कोर्ट की तरफ निकले। लेकिन पुलिस ने बीच में ही कुछ डॉक्टरों को हिरासत में ले लिया। डॉक्टरों का कहना है कि इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया, अभद्रता और गाली-गलौज की। इसके विरोध में सोमवार रात सरोजनी नगर थाने में भी डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने इस मामले में कुछ डॉक्टरों पर केस दर्ज किया तो मंगलवार सुबह तक मामला इस कदर तूल पकड़ा कि रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर उतर आए। इस हड़ताल से दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा संचालित सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया (RML) और लेडी हार्डिंग अस्पताल का कामकाज बंद कर दिया। इससे दिल्ली के इन अस्पतालों में दिन भर मरीजों को परेशानी हुई।  

केंद्रीय मंत्री ने जताया खेद
डॉक्टरों की हड़ताल के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया बीच में आए। उन्होंने कुछ रेजिडेंट डॉक्टरों से बात की। मुलाकात के बाद उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में मामला विचाराधीन है, इसलिए काउंसलिंग में देरी हुई है। 6 जनवरी को मामले की सुनवाई होनी है। हम अपना जवाब इससे पहले कोर्ट में दाखिल कर रहे हैं, जिससे काउंसलिंग में देरी नहीं हो। स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात के बाद डॉक्टरों ने रात 8 बजे रेजिडेंट डॉक्टर्स की बैठक बुलाई थी। माना जा रहा था कि अब डॉक्टर हड़ताल वापस ले लेंगे।  

बेंगलुरू में डॉक्टरों ने जताया विरोध



दिल्ली में डॉक्टरों पर केस दर्ज करने और पुलिस की अभद्रता के विरोध में बेंगलुरू में रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे एक डॉक्टर ने बताया- दिल्ली में डॉक्टरों के साथ जो हुआ उसके खिलाफ हम प्रदर्शन कर रहे हैं। रेजिडेंट डॉक्टर दिल्ली की सड़कों पर अपना हक मांग रहे थे और पुलिस उन्हें जेल ले गई। डॉक्टरों ने कहा- हम ऐसी कार्रवाई के विरोध में डॉक्टरों के साथ खड़े हैं।

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आशा करते हैं जल्द काउंसलिंग चालू हो जाएगी
डॉक्टरों से बात के बाद मांडविया ने कहा था - हमारे रेजिडेंट डॉक्टर तुरंत काउंसलिंग चालू करने के लिए धरना दे रहे हैं। सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स के साथ मेरी विस्तार से मीटिंग हुई है। सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन होने से हम काउंसलिंग नहीं कर पा रहे हैं। 6 जनवरी को इसकी सुनवाई होनी है। इससे पहले हम कोर्ट में रिपोर्ट सबमिट कर देंगे। हम आशा करते हैं कि जल्द काउंसलिंग चालू हो जाएगी। 

 

सरकार डॉक्टरों के सहयोग में खड़ी 
मांडविया ने कहा - हमारे रेजिडेंट डॉक्टर जिन्होंने कोविड क्राइसिस में बहुत अच्छा काम किया है। इसीलिए प्रधानमंत्री जी ने हमारे डॉक्टर्स और हेल्थ वर्कर्स को सारा यश दिया है। हमारे डॉक्टर्स के धरने में पुलिस की तरफ से जो दुर्व्यवहार हुआ है उसके लिए क्षमा चाहता हूं। निवेदन करता हूं कि कोविड क्राइसिस चल रही है। हमारे देश के नागरिक और मरीजों को दिक्कत न हो इसलिए तुरंत ड्यूटी जॉइन कर लें। मैं डॉक्टरों को हर संभव सहयोग में खड़े  हैं। 

क्यों विरोध कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर 
रेजिडेंट डॉक्टर NEET-पीजी काउंसलिंग की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग कर रहे हैं। 27 नवंबर, 2021 से विरोध कर रहे डॉक्टरों ने कहा है कि रोकी गई काउंसलिंग के कारण फ्रंटलाइन पर 45,000 डॉक्टरों की कमी हो गई है। 

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