दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली की शराब नीति की सीबीआई जांच की अनुमति देने के लगभग तीन महीने बाद नई जांच का आदेश दिया है। यह जांच बिजली सब्सिडी को लेकर है। बिजली सब्सिडी में राज्य सरकार द्वारा शहर में बिजली की आपूर्ति करने वाली कंपनियों को भुगतान से जुड़ा है। आरोप है कि इसमें निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया है।
Delhi electricity bill subsidy probe:आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) ने दिल्ली के उप राज्यपाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि उप राज्यपाल वीके सक्सेना का विभिन्न जांच आदेश केवल राजनीति से प्रेरित है। वह संवैधानिक पद पर बैठकर राजनीतिक काम कर रहे हैं। उधर, कांग्रेस के प्रवक्ता अजय माकन ने जांच आदेश को सही करार दिया है। उन्होंने कहा कि बिना ऑडिट के ही हजारों करोड़ रुपये निजी कंपनियों को देना बड़ा घोटाला है। उप राज्यपाल ने सही काम किया है। दरअसल, उप राज्यपाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव को आप सरकार द्वारा दी गई बिजली सब्सिडी में अनियमितताओं व विसंगतियों की जांच करने और सात दिनों में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
क्या कहा कांग्रेस के अजय माकन ने?
कांग्रेस के प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि दिल्ली बिजली सब्सिडी एक घोटाला है। केजरीवाल दिल्ली में सरकार बनाते वक्त वादा किए थे कि बिजली कंपनियों का ऑडिट कराएंगे। लेकिन बिना कंज्यूमर ऑडिट के 18 हजार करोड़ रुपये प्राइवेट बिजली कंपनियों को दे दिया। उप राज्यपाल ने इस केस में जांच बिठाकर सही काम किया है।
दिल्ली की चुनी हुई सरकार को दरकिनार कर रहे उप राज्यपाल
उप राज्यपाल के आदेश को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना द्वारा दिया जाने वाला जांच आदेश अवैध और असंवैधानिक है। वह दिल्ली की चुनी हुई सरकार को दरकिनार कर रहे हैं। सिसोदिया ने उप राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा कि दिल्ली के उप राज्यपाल को जमीन, पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और सेवाओं के अलावा किसी भी मामले में आदेश देने का कोई अधिकार नहीं है। आप नेता सिसोदिया ने कहा कि उनके सभी आदेश राजनीति से प्रेरित हैं। अब तक किसी भी जांच में कुछ भी सामने नहीं आया है। मैं आपसे संविधान के अनुसार कार्य करने का अनुरोध करता हूं।
केजरीवाल ने कहा-गुजरात हार का डर सता रहा
अरविंद केजरीवाल ने बिजली सब्सिडी योजना की जांच के आदेश पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह जांच केवल गुजरात में बीजेपी के डर का नतीजा है। गुजरात आप की मुफ्त बिजली गारंटी को पसंद कर रहा है। इसलिए बीजेपी दिल्ली में मुफ्त बिजली बंद करना चाहती है। बता दें कि गुजरात में बीजेपी दो दशक से अधिक समय से सत्ता में है। पीएम मोदी के गृह जनपद में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। आम आदमी पार्टी ने भी गुजरात राज्य पर फोकस किया है। हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में आप को एक भी सीट पर सफलता नहीं मिली थी। लेकिन इस बार दावा है कि दिल्ली व पंजाब के बाद वह गुजरात में सरकार बनाएगी।
क्या है बिजली सब्सिडी केस?
दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली की शराब नीति की सीबीआई जांच की अनुमति देने के लगभग तीन महीने बाद नई जांच का आदेश दिया है। यह जांच बिजली सब्सिडी को लेकर है। बिजली सब्सिडी में राज्य सरकार द्वारा शहर में बिजली की आपूर्ति करने वाली कंपनियों को भुगतान से जुड़ा है। आरोप है कि इसमें निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया है। दरअसल, दिल्ली में 58 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से 47 लाख सब्सिडी का उपयोग करते हैं। इनमें 30 लाख ऐसे हैं जिन्हें 200 यूनिट से कम की खपत के रूप में कोई बिल नहीं मिलता है। लगभग 17 लाख को 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है, जो कि 400 यूनिट तक की खपत के लिए है। इस सब्सिडी का भुगतान सरकार, कंपनियों को करती है।
यह भी पढ़ें:
Nobel Prize in Physics 2022: इन तीन वैज्ञानिकों को अपने इस प्रयोग के लिए मिला पुरस्कार
द्रौपदी पर्वत शिखर पर हिमस्खलन: 10 पर्वतारोहियों की मौत, 11 की तलाश जारी, 8 को सुरक्षित निकाला गया