Delhi excise policy case: 12 मई तक तिहाड़ जेल में ही रहेंगे मनीष सिसोदिया, कोर्ट ने CBI से कहा- दीजिए चार्जशीट की कॉपी

दिल्ली शराब घोटाला (Delhi Liquor Scam) मामले में तिहाड़ जेल में बंद मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की ज्यूडिशियल कस्टडी को कोर्ट ने 12 मई तक बढ़ा दिया है। कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया है कि चार्जशीट की कॉपी सिसोदिया को दी जाए।

Vivek Kumar | Published : Apr 27, 2023 12:16 PM IST / Updated: Apr 27 2023, 07:11 PM IST

नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति मामला (Delhi excise policy case) में आरोपी पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप (आम आदमी पार्टी) नेता मनीष सिसोदिया 12 मई तक तिहाड़ जेल में ही रहेंगे। गुरुवार को दिल्ली की एक कोर्ट ने सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए केस में सिसोदिया की ज्यूडिशियल कस्टडी 12 मई तक बढ़ा दी है। कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया है कि वह मनीष सिसोदिया को चार्जशीट की कॉपी दे।

दरअसल, मनीष सिसोदिया के खिलाफ नई आबकारी नीति बनाकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है। दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा पत्र लिखे जाने के बाद सीबीआई शराब घोटाला (Delhi Liquor Scam) की जांच कर रही है। इस मामले में हुए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ईडी कर रही है।

17 नवंबर 2021 को लागू हुई थी दिल्ली की नई शराब नीति

सीबीआई और ईडी के अनुसार नई आबकारी नीति बनाते वक्त अनियमितताएं की गईं और अपने पसंद के कारोबारियों को को अनुचित तरीके से लाइसेंस दिया गया। इसके बदले रिश्वत ली गई। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई शराब नीति लागू की थी। भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर सरकार ने इसे सितंबर 2022 के अंत में खत्म कर दिया था और पुरानी नीति को लागू कर दिया था।

26 फरवरी को सीबीआई ने किया था मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार

नई शराब नीति बनाए जाने के दौरान आबकारी विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया थे। सीबीआई ने अपनी पूरक चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम आरोपी के रूप में लिया है। मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 9 मार्च को ईडी ने सिसोदिया को तिहाड़ जेल में गिरफ्तार किया।

मंगलवार को सीबीआई ने कोर्ट में पेश किया था चार्जशीट
बता दें कि सीबीआई ने मंगलवार को कोर्ट में दिल्ली आबकारी नीति मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश किया था। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में पहली बार मनीष सिसोदिया का नाम आरोपी के रूप में लिखा था। सिसोदिया पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने लाइसेंस देने के बदले शराब कारोबारियों से रिश्वत लिए।

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