Delhi excise scam: 2 जून तक तिहाड़ जेल ही रहेगा मनीष सिसोदिया का पता, कोर्ट ने बढ़ाई न्यायिक हिरासत

आप नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को दिल्ली की एक कोर्ट ने 2 जून तक के लिए बढ़ा दिया है। कोर्ट ने 31 मार्च को सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।

Vivek Kumar | Published : May 12, 2023 7:07 AM IST / Updated: May 12 2023, 12:59 PM IST

नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाला (Delhi Liquor Scam) में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद तिहाड़ जेल में बंद आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 2 जून तक जेल में ही रहना होगा। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 2 जून तक के लिए बढ़ा दिया है। अब 2 जून तक तिहाड़ जेल ही सिसोदिया का पता रहेगा।

न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने पर सिसोदिया को स्पेशल जज एमके नागपाल की कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उनकी हिरासत बढ़ा दी। कोर्ट ने 31 मार्च को सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।

2 आरोपियों को जमानत मिलने के बाद आप ने कहा था फर्जी है मामला
बता दें कि 6 मई को शराब घोटाला मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने दो आरोपियों (राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा) को जमानत दिया था। कोर्ट ने कहा कि ईडी द्वारा रिश्वत या किकबैक के लिए नकद भुगतान दिखाने वाला कोई सबूत नहीं रखा गया है। कोर्ट के इस फैसले को लेकर आप नेता और मंत्री आतिशी ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस को फर्जी बताया था।

26 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे मनीष सिसोदिया

सीबीआई ने 26 फरवरी को मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। उन्हें तिहाड़ जेल में रखा गया। ईडी ने 9 मार्च को सिसोदिया को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया। वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने शराब बेचने के लिए नई आबकारी नीति बनाई और नवंबर 2021 में लागू किया। उस वक्त सिसोदिया के पास आबकारी मंत्रालय भी था। आप सरकार पर आरोप लगे कि मनमाने तरीके से कारोबारियों को शराब बेचेने का लाइसेंस दिया गया और इसके बदले रिश्वत ली गई। इसके बाद सितंबर 2022 में सरकार ने नई आबकारी नीति रद्द कर पुरानी नीति लागू की। दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा शिकायत दिए जाने के बाद सीबीआई ने इस मामले FIR दर्ज किया और मामले की जांच शुरू की। घोटाले में हुई मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ईडी कर रही है।

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