रेल यात्रियों की सेफ्टी के लिए दिल्ली HC ने दिया निर्देश: ट्रेनों और स्टेशन्स की समय-समय पर ऑडिट करा खामियों को करें दूर

अधिवक्ता कुश कालरा ने एक याचिका दायर कर मांग की थी कि देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर बैगेज स्कैनर, हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर, सीसीटीवी और एंटी-कोलिजन डिवाइस को लगाया जाना चाहिए।

Delhi High court directions to Railways: दिल्ली हाईकोर्ट ने यात्रियों की सुरक्षा और सेफ्टी के लिए रेलवे को कई महत्वपूर्ण आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि पैसेंजर्स की सेफ्टी और सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए रेलवे को ट्रेनों और रेलवे स्टेशन्स की सुरक्षा से संबंधित ऑडिट समय-समय पर कराते रहना चाहिए। हाईकोर्ट ने यह आदेश रेलवे स्टेशन्स में सुरक्षा संबंधी उपकरणों को इंस्टॉल करने संबंधी याचिका की सुनवाई के दौरान दिया है। अधिवक्ता कुश कालरा ने एक याचिका दायर कर मांग की थी कि देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर बैगेज स्कैनर, हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर, सीसीटीवी और एंटी-कोलिजन डिवाइस को लगाया जाना चाहिए।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सौरभ बनर्जी की बेंच ने मामले की सुनवाई की है। बेंच ने कहा कि केंद्र द्वारा हलफनामे से पता चलता है कि रेलवे ने वर्तमान में सीसीटीवी कैमरे, सामान स्कैनिंग उपकरण, डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर, हाथ से पकड़े जाने वाले मेटल डिटेक्टर, शरीर पर पहने जाने वाले कैमरे और कुत्ते (स्नीफर और ट्रैकर), स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली आदि स्थापित किए हैं। हालांकि, रेलवे को यह सुनिश्चित करना होगा कि भारतीय रेलवे में सेफ्टी और सिक्योरिटी के संबंध में समय-समय पर ऑडिट हो। समय-समय पर ऑडिट करने और स्थिति का आकलन करने के बाद, भारत सरकार पूरे देश में रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा और संरक्षा के उच्चतम मानकों का रखरखाव सुनिश्चित करे।

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याचिकाकर्ता ने क्या कहा?

याचिकाकर्ता कुश कालरा ने आरोप लगाया कि देश के अधिकांश रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा उपायों की कमी है। उन्होंने स्टेशनों पर अपर्याप्त सुरक्षा उपायों की ओर रेलवे अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया था लेकिन स्थिति को सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।

सरकार ने एफिडेविट में क्या कहा?

सरकार के एफिडेविट में कहा कि शिकायतों के मामले में सहायता के लिए अखिल भारतीय हेल्पलाइन नंबर 139 का उपयोग किया जा रहा है। यात्रियों को शिकायत दर्ज करने या सहायता मांगने पर रेलवे सुरक्षा बल का ट्विटर हैंडल उपलब्ध है। ऑपरेशन 'मेरी सहेली' महिला यात्रियों, खासकर अकेले यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा चाइल्ड हेल्पलाइन उपलब्ध कराने और स्टेशनों पर तस्करी रोधी इकाइयों को तैनात करने के लिए शुरू किया गया है। टक्कर रोधी उपकरणों के संबंध में हलफनामे में कहा गया है कि स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणालियां लगाई जा रही हैं। कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन लिमिटेड (केआरसीएल) द्वारा विकसित एक टक्कर-रोधी उपकरण पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के 1736 किमी मार्ग पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लगाया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के ट्रांसपोर्टर ने सभी 6124 रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे उपलब्ध कराने का कार्य किया है।

रेलवे परिसरों और ट्रेनों में शराब की खपत को रोकने के प्रयासों के बारे में अदालत को बताया गया कि नशे में धुत्त होने या उपद्रव मचाने पर रेलवे अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है और जुलाई 2022 तक 42,086 अपराधियों पर मुकदमा चलाया गया है। रेलवे सुरक्षा बल और सरकारी रेलवे पुलिस यात्रियों की सुरक्षित यात्रा के लिए प्रतिदिन 3,200 ट्रेनों की सुरक्षा कर रही है। प्लेटफॉर्म के एंट्री प्वाइंट्स पर 245 बैगेज स्कैनिंग उपकरण लगाए गए हैं और स्टेशनों पर 977 डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर कुल मिलाकर 4846 हैंड हेल्ड डिटेक्टर हैं।

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