निर्भया के बलात्कारियों की फांसी में देरी से भड़के जज, कहा, जेल मैन्युअल बनाते वक्त दिमाग नहीं लगाया

निर्भया केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। वजह जेल मैन्युअल में संशोधन है। 2018 में दिल्ली सरकार ने जेल मैन्युअल में संशोधन किया। आरोप लग रहे हैं कि इन्हीं संशोधित नियम की आड़ में दोषी फांसी टलवा रहे हैं।  

Asianet News Hindi | Published : Jan 18, 2020 9:28 AM IST

नई दिल्ली. निर्भया केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। वजह जेल मैन्युअल में संशोधन है। 2018 में दिल्ली सरकार ने जेल मैन्युअल में संशोधन किया। आरोप लग रहे हैं कि इन्हीं संशोधित नियम की आड़ में दोषी फांसी टलवा रहे हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा जेल मैन्युअल में संशोधन के वक्त दिमाग नहीं लगाया गया। दिल्ली कोर्ट ने अब निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देने की तारीख 22 जनवरी से टालकर 1 फरवरी तक कर दी है। अब दोषियों को 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी। 

आपका कानून खराब है

जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संगीता धींगड़ा सहगल की पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा, 'अगर तब तक ऐक्शन नहीं ले सकते जब तक कि सभी दोषियों ने दया याचिका दायर नहीं कर दी हो तो आपका कानून खराब है। ऐसा लगता है कि नियम बनाते वक्त दिमाग का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं किया गया।'

न्यायिक फैसले का मजाक नहीं बना सकते
कोर्ट ने कहा, हर दया याचिका अलग-अलग आधार पर दायर की जाती है। आप आखिरी न्यायिक फैसले का इस तरह मजाक नहीं बना सकते।

कैंसर से जूझ रहा है सिस्टम
कोर्ट ने जेल अथॉरिटीज को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने दुख जताया कि ऐसा सिस्टम बनाया गया जो कैंसर से जूझ रहा है और जो रणनीति के तहत फांसी टालने के लिए दोषियों को कानून के दुरुपयोग करने का मौका देता है।

नियम में क्या है
जेल मैन्युअल का नियम 854 के मुताबिक, एक से ज्यादा कैदियों को फांसी की सजा सुनाई गई हो तो तब तक उनमें से किसी को फांसी पर नहीं चढ़ाया जा सकता है, जब तक कि हर दोषी की अपील सुप्रीम कोर्ट से खारिज न हो जाए।

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