पत्नी कमाने में सक्षम है...इस बात पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगा दी पतिदेव की क्लास

 परिवार के लिए महिला नौकरी छोड़कर त्याग करे तो उसे परजीवी कहकर अपमानित करने वाली मानसिकता पर हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने क्या कहा? 
 

Asianetnews Hindi Stories | Published : Sep 25, 2024 12:19 PM IST

परिवार, घर, पति, बच्चे... इन सबकी जिम्मेदारी निभाने के लिए न जाने कितनी महिलाएं अपनी मेहनत की नौकरी छोड़ देती हैं. पढ़-लिखकर बड़ी-बड़ी डिग्री, रैंक हासिल करके ऊंचे पदों पर कार्यरत महिलाएं भी कितनी मजबूरन परिवार के लिए नौकरी छोड़ देती हैं. पति से ज्यादा कमाने के बावजूद, उससे अच्छी नौकरी में होने के बावजूद, उससे ज्यादा पढ़ी-लिखी होने के बावजूद त्याग की बात आते ही सब उंगली उठाते हैं महिलाओं पर ही. पुरुष और महिला समान हैं, यह बड़े-बड़े ऐलान तो होते हैं, लेकिन यह पुरुष प्रधान समाज है, यह कहकर कितना भी संघर्ष कर लो, कहीं न कहीं कोई न कोई मामला छोड़कर त्याग, सहनशीलता, धैर्य, ये सब महिलाओं तक ही सीमित है, यह एक सत्य है. यही सत्य अब दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बार फिर दोहराया है.

पत्नी को परजीवी कहने वाले एक पति को कड़ी फटकार लगाते हुए न्यायाधीशों ने कहा कि महिला को "परजीवी" कहना न केवल उसका अपमान है बल्कि पूरी नारी जाति का अपमान है. तलाक के बाद गुजारा भत्ता देने के मामले में पारिवारिक अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए एक पति हाईकोर्ट पहुंचा था. उसकी दलील थी कि उसकी पत्नी कमाने में सक्षम है. ऐसे में उसका परजीवी बनना सही नहीं है. गुजारा भत्ता देने का आदेश देने वाली कोर्ट का फैसला सही नहीं है. 

Latest Videos

 

पत्नी पक्ष के वकील ने दलील दी कि वह दूसरी महिला के साथ रहने के लिए पत्नी और बच्चों को छोड़ने का फैसला कर चुका है. पारिवारिक अदालत ने पति की आय को ध्यान में रखते हुए हर महीने 30 हजार रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था.  साथ ही आठ लाख रुपये मुआवजा देने का भी निर्देश दिया था. इस मामले की सुनवाई करते हुए  न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि क्या आपने भारतीय महिलाओं का त्याग नहीं देखा? महिला को परजीवी कहकर पूरी नारी जाति का अपमान मत करो. इस तरह उन्होंने पारिवारिक अदालत के आदेश को बरकरार रखा. 


पत्नी के पास आजीविका का  साधन होने के बावजूद, पति होने के नाते गुजारा भत्ता देने की जिम्मेदारी से मुकर नहीं सकते. पति के पास पर्याप्त कमाई होने के बावजूद पत्नी को गुजारा भत्ता न देना सही नहीं है. भारतीय महिलाओं का अपमान करना उचित नहीं है. उनके त्याग पर एक बार गौर करें, उन्हें परजीवी जैसे शब्द से अपमानित करने को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे, न्यायाधीश ने कहा.

Share this article
click me!

Latest Videos

आजादी के बाद से कांग्रेस ने अपनी राजनीति झूठ और धोखे पर बनाई है: पीएम मोदी
LIVE: पीएम मोदी ने गुजरात में राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम में भाग लिया
यूपी मदरसा कानून पर आ गया 'सुप्रीम' फैसला, लाखों छात्रों का जुड़ा था भविष्य । SC on UP Madarsa
Chhath Puja 2024: छठ पूजा में छठी मैया को क्या लगाएं भोग ?
Almora Bus Accident: एक चूक और खत्म हो गईं कई जिंदगियां