दिल्ली ब्लास्ट: पंकज की आखिरी कॉल-मां ने कहा 'जल्दी घर आओ', पर लौटी सिर्फ राख...

Published : Nov 12, 2025, 09:10 AM IST
Delhi lal kila blast lnjp hospital victims story

सार

Delhi Blast Blast: लाल किला ब्लास्ट ने 12 परिवारों की दुनिया उजाड़ दी। टैटू से हुई पहचान, आखिरी कॉल, और दोस्तों की मौत ने सबको झकझोर दिया। क्या ये हादसा था या किसी साजिश का पहला संकेत?

नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किले के पास हुआ सोमवार शाम का कार ब्लास्ट सिर्फ एक धमाका नहीं था-यह कई घरों के सपनों का अंत था। मंगलवार को जब एलएनजेपी अस्पताल के बाहर परिजनों की भीड़ जुटी, तो हर चेहरा सवालों से भरा था - “क्यों हमारे साथ?” अस्पताल का माहौल किसी युद्ध क्षेत्र जैसा था-चारों तरफ सन्नाटा, चीखें और आंसू। अस्पताल के गलियारों में हर कोई अपने किसी ‘अपने’ को खोज रहा था। विस्फोट में मारे गए 8 लोगों के शव मंगलवार को उनके परिवारों को सौंपे गए। इनमें टैक्सी ड्राइवर, बस कंडक्टर, दुकानदार और ई-रिक्शा चालक शामिल थे-वो लोग जो रोज़ की मेहनत से अपने घर चला रहे थे।

दो दोस्तों की आखिरी मुलाकात बनी मौत की वजह

  • अमरोहा के लोकेश अग्रवाल अपने 34 वर्षीय दोस्त अशोक कुमार (डीटीसी कंडक्टर) से मिलने दिल्ली आए थे। उन्होंने मिलने की जगह चुनी लाल किला मेट्रो स्टेशन।
  • दोनों दोस्तों की हंसी कुछ ही मिनट चली... फिर आया वो धमाका जिसने दोनों की जिंदगी खत्म कर दी।
  • एक पल में दोस्ती, परिवार और सपने-सब राख में बदल गए।

श्रावस्ती के दिनेश मिश्रा और जुनमान-मेहनतकश ज़िंदगी का दर्दनाक अंत

  • दिनेश मिश्रा, श्रावस्ती के रहने वाले, दिल्ली के चांदनी चौक में साड़ी की दुकान पर काम करते थे। दो बच्चों के पिता दिनेश रोज़ अपने परिवार के लिए संघर्ष करते थे।
  • वहीं, 35 वर्षीय मोहम्मद जुनमान, जो ई-रिक्शा चलाते थे, उस दिन घर नहीं लौटे। उनका फोन बंद मिला, और अगले दिन चाचा इदरीस ने उनकी पहचान नीली शर्ट और जैकेट से की।
  • उनकी पत्नी दिव्यांग हैं और अब तीन बच्चे अनाथ हो गए हैं।

पंकज: मीशो से निकाला गया, तो कैब चलाने लगा लेकिन जिंदगी वहीं रुक गई

  • 22 वर्षीय पंकज, जिसने 12वीं तक पढ़ाई के बाद मीशो कंपनी में काम शुरू किया था, नौकरी से निकाले जाने के बाद कैब चलाने लगा।
  • उस दिन वो पड़ोसी को लाल किला छोड़ने गया था।
  • फिर अचानक ब्लास्ट... फोन नहीं उठाया, जवाब नहीं मिला, और अंत में मोर्चरी में पहचान हुआ शरीर मिला।
  • उसकी कार आधी जली हुई हालत में मिली-पिछला हिस्सा उड़ गया था।

अमर कटारिया: पिता ने बेटे के टैटू से की पहचान

  • 34 वर्षीय व्यवसायी अमर कटारिया की मौत ने उनके पिता को तोड़ दिया।
  • अमर के हाथ पर टैटू था-“Mom My First Love”, “Dad My Strength”, “Kriti” जिस पर उनके पिता को गर्व था।
  • फोन आया, “टैटू वाला आपका क्या लगता है?” पिता दौड़े अस्पताल पहुंचे... और वहां अपने बेटे को पहचान लिया।

मेरठ के मोहसिन: रोज़ की रोटी कमाने दिल्ली आए, मिली मौत 

  • मेरठ के रहने वाले 35 वर्षीय मोहसिन रोज़ ई-रिक्शा चलाकर घर का खर्चा चलाते थे।
  • उनकी मौत के बाद परिवार में अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हुआ। पत्नी चाहती थीं कि दिल्ली में दफनाया जाए, परिवार मेरठ ले जाना चाहता था। अंत में पुलिस की मदद से मेरठ में अंतिम संस्कार हुआ।

नौमान अंसारी: कॉस्मेटिक्स का सामान खरीदने आया युवक मौत के हवाले

  • 22 वर्षीय नौमान अंसारी, शामली के रहने वाले, अपनी दुकान के लिए कॉस्मेटिक्स का सामान खरीदने दिल्ली आए थे।
  • विस्फोट में उनकी मौत हो गई और चचेरा भाई घायल हो गया।
  • नौमान परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे, जबकि उनके बड़े भाई किडनी फेलियर से जूझ रहे हैं।

हर नाम, हर कहानी उस रात की गवाही दे रही है जब दिल्ली के दिल में धमाके ने सन्नाटा बिखेर दिया। NIA और FSL की टीमें अब हर एंगल से जांच कर रही हैं, लेकिन पीड़ित परिवारों के लिए तो सब कुछ खत्म हो चुका है।

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

पुतिन को गार्ड ऑफ ऑनर: राष्ट्रपति भवन में 5 खास मोमेंट्स की PHOTOS
हैदराबाद हाउस में पुतिन-मोदी की बाइलेटरल मीटिंग, क्या होंगे बड़े समझौते? देंखे आकर्षक तस्वीर