
नई दिल्ली। भारत में सोने-चाँदी के दाम लगातार चर्चा में हैं। बुधवार को सोने की कीमत तीन दिनों की तेजी के बाद थोड़ी स्थिर हुई और अब यह ₹1,24,380 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रही है। वहीं, चांदी का भाव और भी ऊपर चढ़कर ₹1,55,380 प्रति किलोग्राम पहुंच गया है। बीते कुछ महीनों में सोने ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। यह अब 1979 के बाद अपनी सबसे मजबूत वार्षिक बढ़त की ओर बढ़ रहा है। इस उछाल के पीछे मुख्य कारण हैं-अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती, डॉलर में कमजोरी, और केंद्रीय बैंकों की सोने में बढ़ती खरीदारी।
मैक्वेरी समूह के प्रमुख अर्थशास्त्री रिक डेवरेल का कहना है कि अब सोने का बाजार अपने “शॉर्ट-टर्म पीक” के करीब है। उनका अनुमान है कि अगले साल सोने की कीमतों में कुछ गिरावट देखने को मिल सकती है। उन्होंने लिखा-“वैश्विक विकास में सुधार, ब्याज दरों का स्थिर होना और अमेरिका-चीन तनाव में कमी के चलते सोने का निकट भविष्य का शिखर आ चुका है।” फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $4,140 प्रति औंस के आसपास ट्रेड कर रहा है। भारत में यह ₹1.24 लाख प्रति 10 ग्राम के पार जा चुका है, जिससे छोटे निवेशक सोच में हैं कि क्या यह निवेश का सही समय है या नहीं।
MCX (Multi Commodity Exchange) पर दिसंबर वायदा कीमत ₹1,23,905 पर दर्ज की गई, जो हल्की गिरावट को दर्शाती है।
इंडिया बुलियन एसोसिएशन के अनुसार, चांदी का हाजिर भाव ₹1,55,380 प्रति किलो पर पहुंच गया है। वहीं, दिसंबर वायदा ₹1,54,789 प्रति किलो पर कारोबार कर रहा है। लगातार बढ़ती मांग और औद्योगिक उपयोग के चलते चाँदी में मजबूत तेजी बनी हुई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सोना लंबे समय के लिए अब भी सुरक्षित निवेश बना हुआ है, लेकिन अल्पावधि में कुछ गिरावट संभव है। अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्याज दरें बढ़ीं या डॉलर मजबूत हुआ, तो कीमतों में सुधार देखा जा सकता है।
सोने की कीमतें ऐतिहासिक स्तर के करीब हैं। यह तय करना कि अब खरीदें या प्रतीक्षा करें, निवेशक के नजरिए पर निर्भर करता है। बाजार विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि फिलहाल बड़े निवेश से पहले कुछ स्थिरता का इंतजार करना बेहतर होगा।