
त्रिशूर। केरल के त्रिशूर जिले में बने देश के पहले "डिज़ाइनर चिड़ियाघर" से चौंकाने वाली खबर आई है। हाल ही में खुले पुथुर जूलॉजिकल पार्क में आवारा कुत्तों के हमले से 10 हिरणों की मौत हो गई। यह हादसा उस पार्क में हुआ जिसे कुछ ही हफ्ते पहले मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने जनता को समर्पित किया था। क्या यह प्राकृतिक हादसा था या सुरक्षा की बड़ी चूक?
पुथुर चिड़ियाघर का उद्घाटन 28 अक्टूबर को हुआ था और इसे एशिया का दूसरा सबसे बड़ा प्राणी उद्यान कहा जाता है। 336 एकड़ में फैले इस पार्क में 80 से अधिक प्रजातियों के करीब 534 जानवर रखे गए हैं। इसे “नेचर बेस्ड ओपन एनक्लोज़र” के रूप में डिजाइन किया गया है ताकि जानवरों को प्राकृतिक माहौल मिले। लेकिन अब यही खुला डिज़ाइन सुरक्षा का सबसे बड़ा खतरा बन गया है।
सूत्रों के मुताबिक, रात के समय आवारा कुत्तों का झुंड हिरणों के बाड़े में घुस गया। उन्होंने एक-एक करके 10 हिरणों को मार डाला। सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतने सख्त सुरक्षा घेरे के बावजूद कुत्ते अंदर पहुँचे कैसे? बार-बार अनुरोध के बावजूद, अधिकारियों ने CCTV फुटेज जारी करने से इनकार कर दिया है, जिससे शक और बढ़ गया है कि कहीं कुछ छिपाया तो नहीं जा रहा।
वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ. अरुण ज़कारिया के नेतृत्व में एक विशेष टीम मंगलवार को जांच के लिए पुथुर पार्क पहुँची। टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और हिरणों के शवों का पोस्टमार्टम शुरू किया। अधिकारियों के अनुसार, मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।
पुथुर जूलॉजिकल पार्क को “भारत का पहला डिज़ाइनर चिड़ियाघर” कहा जाता है। यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और नेचर फ्रेंडली बाड़े बनाए गए हैं। लेकिन इस दर्दनाक घटना ने चिड़ियाघर की छवि पर गहरा दाग लगा दिया है। जनता के लिए खुलने से पहले ही ऐसी घटना ने प्रशासन की लापरवाही उजागर कर दी है।
अभी तक पुथुर जूलॉजिकल पार्क केवल स्कूल और कॉलेज के समूहों के लिए खुला है। आम जनता के लिए खुलने की तारीख अभी तय नहीं की गई है। लेकिन अब इस हादसे के बाद संभावना है कि पब्लिक ओपनिंग टल सकती है और सुरक्षा सिस्टम को दोबारा रिव्यू किया जाएगा।