डॉक्टर या टेरर प्लानर: कौन है शाहीन सईद? क्या यही जैश के ‘ऑपरेशन पर्दा’ की सूत्रधार?

Published : Nov 12, 2025, 07:21 AM IST
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सार

फरीदाबाद विस्फोटक केस में गिरफ्तार लखनऊ की डॉ. शाहीन सईद का नाम सामने आने के बाद सनसनी। जांच में जैश-ए-मोहम्मद की महिला शाखा से जुड़ाव और 2900 KG विस्फोटक बरामदगी ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया। आखिर कौन है डा. शाहीन? कैसे आई जैश के संपर्क में?

नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किले के पास हुए भयानक कार ब्लास्ट ने देश को हिला कर रख दिया है। इस धमाके के बाद जब जांच आगे बढ़ी, तो एक ऐसा नाम सामने आया जिसने सभी को चौंका दिया-लखनऊ की डॉ. शाहीन सईद, जो अब फरीदाबाद विस्फोटक मामले में गिरफ्तार हो चुकी हैं। जांच एजेंसियों का दावा है कि डॉ. शाहीन का संबंध जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) की नवगठित महिला शाखा “जमात-उल-मोमिनात” से है। कौन है डा. शाहीन, क्या है उसका पारिवारिक ग्राउंड? एक पढ़ी-लिखी डॉक्टर कैसे आतंकी नेटवर्क में शामिल हो गई? आखिर इस कहानी के पीछे क्या है सच्चाई?

दिल्ली ब्लास्ट के बाद क्यों बढ़ी देशभर में सख्ती?

  • लाल किले के पास कार ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत और 20 से अधिक घायल हुए।
  • दिल्ली से लेकर यूपी, हरियाणा और कश्मीर तक एंटी टेरर एजेंसियों (ATS, NIA) ने एक साथ छापेमारी शुरू की।
  • जांच में सामने आया कि इस धमाके के तार फरीदाबाद के विस्फोटक मॉड्यूल से जुड़े हैं, जहाँ से करीब 2,900 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था।
  • इसी मामले में तीन डॉक्टरों सहित आठ लोगों की गिरफ्तारी हुई और इनमें से एक नाम था डॉ. शाहीन सईद का।

कौन हैं डॉ. शाहीन सईद?

  • डॉ. शाहीन सईद, 35 वर्षीय महिला डॉक्टर, लखनऊ की रहने वाली हैं और हरियाणा के अल-फलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद से जुड़ी थीं।
  • जांच एजेंसियों का दावा है कि वह पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में थीं और महिलाओं की भर्ती करने का काम करती थीं।
  • बताया जा रहा है कि वह जमात-उल-मोमिनात (Jamaat-ul-Mominaat) नामक समूह से जुड़ी थीं, जो हाल ही में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) द्वारा गठित किया गया था।

जमात-उल-मोमिनात क्या है और इसका जैश से क्या संबंध है?

  • अक्टूबर 2025 में जैश प्रमुख मसूद अजहर (Masood Azhar) के नाम से जारी एक पत्र में इस महिला संगठन की घोषणा की गई थी।
  • समूह की कमान सादिया अजहर (Yusuf Azhar की पत्नी) को दी गई थी।
  • जांच में पता चला कि यह समूह महिलाओं को कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित कर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने का काम कर रहा था।
  • डॉ. शाहीन इसी नेटवर्क का एक हिस्सा थीं और सोशल मीडिया व ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए महिला रिक्रूटमेंट का काम संभाल रही थीं।

डॉ. शाहीन की निजी ज़िंदगी-शादी, तलाक और कट्टरपंथ की राह

  • पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शाहीन सईद ने महाराष्ट्र निवासी ज़फर हयात से शादी की थी, लेकिन 2015 में दोनों का तलाक हो गया।
  • तलाक के बाद शाहीन ने खुद को अकेला और अवसादग्रस्त पाया।
  • इसी दौरान उसने ऑनलाइन धार्मिक कंटेंट और इस्लामिक कट्टर विचारधारा से जुड़ना शुरू किया।
  • एजेंसियों को संदेह है कि यहीं से उन्होंने चरमपंथी संपर्कों से रिश्ता बनाया, जो आगे चलकर जैश के मॉड्यूल तक पहुंचा।

कई राज्यों में फैला था आतंकी नेटवर्क

  • फरीदाबाद से लेकर कश्मीर, हरियाणा और यूपी तक फैले इस नेटवर्क के तार कई जगहों से जुड़े हैं।
  • 15 दिनों तक चली गोपनीय जांच और छापेमारी में एजेंसियों ने तीन डॉक्टर,  कई टेक्निकल एक्सपर्ट और मदरसों से जुड़े कुछ युवक गिरफ्तार किए।
  • मुख्य आरोपी डॉ. मुज़म्मिल के पास से विस्फोटक बरामद हुए, जबकि शाहीन को कम्युनिकेशन और रिक्रूटमेंट चैनल संभालने वाला बताया गया है।

लखनऊ में छापेमारी और परिवार की प्रतिक्रिया

  • लखनऊ के मुत्तकीपुर इलाके में शाहीन के घर पर ATS और केंद्रीय एजेंसियों ने छापा मारा।
  • घर से लैपटॉप, मोबाइल, और कई दस्तावेज़ ज़ब्त किए गए।
  • उनके पिता ने बताया कि “हमें नहीं पता शाहीन ने ऐसा क्या किया, वो तो बस पढ़ाई और अस्पताल में काम करती थी।”
  • लेकिन जांच एजेंसियों का दावा है कि उनके डिजिटल ट्रेस जैश नेटवर्क से जुड़े चैनल्स से मेल खाते हैं।

क्या यह आईएसआई की नई रणनीति है?

  • विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की आईएसआई (ISI) अब महिलाओं के जरिये भारत में “सोशल ब्लेंड” आतंकवाद फैला रही है यानी पढ़े-लिखे वर्ग को “सॉफ्ट टार्गेट” बनाना।
  • ISIS की तरह अब Jaish भी महिलाओं को recruitment, funding, और propaganda में इस्तेमाल कर रहा है।

क्या जांच अब महाराष्ट्र और कश्मीर तक जाएगी?

  • सूत्रों के मुताबिक, NIA और ATS अब महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर तक जांच बढ़ाने की तैयारी में हैं।
  • शाहीन से पूछताछ में कुछ digital wallet transfers और encrypted chats सामने आए हैं, जो विदेशी फंडिंग चैनलों की ओर इशारा करते हैं।
  • एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह सिर्फ फरीदाबाद का केस नहीं, बल्कि एक बड़े आतंकी ब्लूप्रिंट का हिस्सा है।”
  • यह मामला सिर्फ एक गिरफ्तारी का नहीं, बल्कि शिक्षा, समाज और डिजिटल कट्टरपंथ की गहराई से जुड़ा है।
  • कैसे एक डॉक्टर, जो दूसरों की जान बचाने का वादा करती है, खुद एक खतरनाक रास्ते पर चली गई- यही आज का सबसे बड़ा सवाल है।

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