दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) से दिल्ली शराब घोटाला केस में सीबीआई ने 9 घंटे पूछताछ की। पूछताछ के बाद सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई में केस किसी घोटाले की जांच के लिए नहीं कराया है। यह दिल्ली में ऑपरेशन लोटस को कामयाब कराने के लिए कराया गया है।
नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाला केस में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से सीबीआई ने करीब 9 घंटे पूछताछ की। उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। पूछताछ के बाद सिसोदिया को छोड़ दिया गया। सीबीआई द्वारा तलब किए जाने के बाद सिसोदिया दिल्ली स्थिति सीबीआई मुख्यालय गए थे।
पूछताछ के बाद सीबीआई ऑफिस से बाहर आए मनीष सिसोदिया ने कहा कि मेरे खिलाफ दर्ज किया गया केस फर्जी है। मेरे खिलाफ साजिश की गई है। सीबीआई में केस किसी घोटाले की जांच के लिए नहीं कराया है। यह दिल्ली में ऑपरेशन लोटस को कामयाब कराने के लिए कराया गया है।
मुझे सीएम की कुर्सी ऑफर की गई
सिसोदिया ने कहा, "मुझसे आम आदमी पार्टी छोड़ने के लिए कहा गया। कहा गया कि ऐसा नहीं करने पर केस चलता रहेगा। मुझे मुख्यमंत्री की कुर्सी का लोभ दिया गया, लेकिन मैंने ऑफर अस्वीकार कर दिया। सारा केस फर्जी है। मैंने उनसे कहा कि जब एक रिक्शावाले का बच्चा डिग्री लेता है तो मुझे खुशी होती है। मैं यहां शिक्षा के लिए हूं।"
मनीष सिसोदिया के जवाब से संतुष्ट नहीं जांचकर्ता
सूत्रों के अनुसार सीबीआई की पूछताछ में ज्यादातर पहलुओं पर मनीष सिसोदिया द्वारा दिए गए जवाबों से जांचकर्ता संतुष्ट नहीं हैं। पूछताछ के दौरान सिसोदिया के सामने दस्तावेजी सबूत पेश किए गए। उनसे विजय नायर के साथ उनके जुड़ाव के बारे में बड़े पैमाने पर पूछा गया। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या नायर तीन अन्य कथित करीबी सहयोगियों के साथ आबकारी नीति का मसौदा तैयार करने में शामिल थे। सिसोदिया से शराब व्यापारियों के साथ उनकी कथित संलिप्तता के बारे में भी पूछा गया था।
दूसरी ओर दिल्ली आबकारी नीति मामले के एक अन्य आरोपी अरुण रामचंद्र पिल्लई से भी सीबीआई मुख्यालय में सोमवार को पूछताछ की गई। वह अभिषेक बोइनपल्ली से जुड़ा है, जिसे पहले इस मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।