कुछ को छोड़कर बाकी राज्यों को सर्दी से राहत मिली है। मौसम विभाग और प्राइवेट मौसम एजेंसी स्काई वेदर के अनुसार, एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू-कश्मीर पर बना हुआ है।
वेदर रिपोर्ट. कुछ को छोड़कर बाकी राज्यों को सर्दी से राहत मिली है। मौसम विभाग और प्राइवेट मौसम एजेंसी स्काई वेदर के अनुसार, एक पश्चिमी विक्षोभ(western disturbance) उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू-कश्मीर पर बना हुआ है। पढ़िए मौसम की पूरी डिटेल्स...
मौसम विभाग के अनुसार आजकल में उत्तर पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में और वृद्धि हो सकती है। अधिकांश जगहों से शीत लहर थम सकती है। पंजाब, हरियाणा, बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में कोल्ड डे की स्थिति जारी रह सकती है। 10 जनवरी को जम्मू कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में हल्की बारिश और हिमपात हो सकता है। 11 से 13 जनवरी के बीच बढ़ सकता है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश में घने बादल छाए रह सकते हैं। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में तीव्रता में कमी आ सकती है।
मौसम विभाग और स्काईवेदर के अनुसार, जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और हिमपात हुआ। हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की वृद्धि हुई, जिससे कई स्थानों पर शीत लहर की स्थिति में कमी आई। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में कोल्ड डे की स्थिति जारी रही। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में घना कोहरा छाया रहा।
(तस्वीर आगरा की है)
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक सीनियर मौसम विज्ञानी ने कहा कि दिल्ली में जनवरी में अब तक करीब 50 घंटे घना कोहरा छाया रहा, जो 2019 के बाद से इस महीने में सबसे अधिक है। आईएमडी के सीनियर वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने भी कहा कि इस साल जनवरी में दिल्ली में शीत लहर का दौर एक दशक में सबसे लंबा था।
उन्होंने कहा, "दिल्ली में 2013 में 7 दिनों (3 जनवरी से 9 जनवरी) तक न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस के बराबर या उससे कम दर्ज किया गया, जबकि 6 जनवरी को न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।" आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल, राष्ट्रीय राजधानी में 5 जनवरी से 9 जनवरी तक शीत लहर का दौर दर्ज किया गया, जिसमें 8 जनवरी को न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
दिल्ली में इस महीने अब तक करीब 50 घंटे घना कोहरा दर्ज किया गया है, जो 2019 के बाद सबसे ज्यादा है। सीनियर मौसम विज्ञानी ने दो पश्चिमी विक्षोभों के बीच एक बड़े अंतर के लिए तीव्र ठंड के लंबे दौर को जिम्मेदार ठहराया, जिसका मतलब था कि बर्फ से ढके पहाड़ों से ठंडी हवाएं सामान्य से अधिक समय तक चलीं।
घने कोहरे के कारण इस महीने अब तक शहर में अधिकतम तापमान सामान्य से कम दर्ज किया गया है, जिससे धूप के घंटों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि कम दिन के तापमान का मतलब है जल्दी ठंडक और शाम को जल्दी कोहरा बनना।
सफदरजंग वेधशाला ने सोमवार को न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस, रविवार को 1.9 डिग्री सेल्सियस, शनिवार को 2.2 डिग्री सेल्सियस, शुक्रवार को 4 डिग्री सेल्सियस और गुरुवार को 3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था। सोमवार लगातार पांचवां दिन भी रहा जब दिल्ली का न्यूनतम तापमान हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ज्यादातर हिल स्टेशनों से कम रहा।
जनवरी की शुरुआत से ही दिल्ली में सर्द मौसम ने बिजली ग्रिडों पर दबाव डाला। यानी बिजली की खपत बढ़ी। वहीं, बेघर लोगों के लिए चुनौतियां पेश कीं। इसने दिल्ली सरकार को 15 जनवरी तक स्कूलों में शीतकालीन अवकाश बढ़ाने के लिए भी विवश किया।
मौसम कार्यालय के अनुसार, 'बहुत घना कोहरा' तब होता है, जब दृश्यता(visibility) 0 से 50 मीटर के बीच होती है। जब 51 से 200 मीटर के बीच होती है, तो यह 'घना' कोहरा होता है। 201 से 500 मीटर के बीच 'मध्यम' और 501 और 1,000 मीटर के बीच उथला(hallow) होता है।
मैदानी इलाकों में अगर न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस या 10 डिग्री सेल्सियस और सामान्य से 4.5 डिग्री कम हो जाता है, तो MeT कार्यालय शीत लहर( cold wave) की घोषणा करता है। एक गंभीर शीत लहर तब होती है] जब न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है या सामान्य सीमा से 6.4 डिग्री से अधिक होता है।
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