मंत्री जैन को बीते 30 मई को अरेस्ट किया गया था। वह 14 दिन की ईडी की न्यायिक हिरासत में थे। 18 जून को कोर्ट डॉ.जैन की जमानत पर निर्णय सुनाएगा। मंगलवार को दिल्ली के कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया।
नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन (Delhi Health minister Satyendar Jain) के जेल से बाहर आने का अभी फैसला नहीं हो सका है। मंगलवार को दिल्ली के कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया। अब 18 जून को कोर्ट डॉ.जैन की जमानत पर निर्णय सुनाएगा। आप सरकार में मंत्री जैन को बीते 30 मई को अरेस्ट किया गया था। वह 14 दिन की ईडी की न्यायिक हिरासत में थे। उधर, ईडी ने अदालत को बताया कि जैन उनके सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट को बताया कि हवाला लेन देन के बारे में पूछे जाने पर सत्येंद्र जैन ने याददाश्त जाने की बात कही है।
क्या कहा कोर्ट में ईडी ने?
दरअसल, जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी ने कोर्ट को बताया कि सत्येंद्र जैन से हवाला लेनदेन के बारे में पूछे जाने पर वह कोविड की वजह से याददाश्त चले जाने की बात कह रहे हैं। सत्येंद्र जैन ने ईडी के वालों पर बताया कि उनको कोविड हुआ था, जिसकी वजह से उनकी याददाश्त चली गई है।
गिरफ्तारी के बाद जैन से संबंधित ठिकानों पर रेड
सत्येंद्र जैन (Health minister Satyendar Jain) के घर की 6 जून को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तलाशी ली थी। जैन पर कोलकाता की एक कंपनी से हवाला (money Laundering) से लेन देन का आरोप है। ईडी सर्च के दौरान उनसे संबंधित लोगों के ठिकानों से ₹2 करोड़ से अधिक नकद और 1.8 किलोग्राम वजन का सोना जब्त किया था। ED का दावा है कि सत्येंद्र जैन 2015-16 में कोलकाता की एक फर्म के साथ हवाला के जरिये लेनदेन किया था। जैन को 4.81 करोड़ की संपत्तियों को ED द्वारा कुर्क किए जाने के करीब 2 महीने बाद अरेस्ट किया गया। जांच एजेंसी ने CBI द्वारा दर्ज FIR के आधार पर एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। जैन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली में कई मुखौटा कंपनियां बनाईं या खरीदीं और उनके माध्यम से 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को व्हाइट किया।
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