फ्रीलांस पत्रकार राजीव के चीनी-नेपाली साथी भी हुए गिरफ्तार, चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स में लिखा था लेख

फ्रीलांस पत्रकार (Freelance journalist) राजीव शर्मा को उसके चीनी - नेपाली साथियों के साथ दिल्ली पुलिस (Delhi police) की स्पेशल टीम ने ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत शुक्रवार गिरफ्तार किया है। आरोपी पत्रकार का नाम राजीव शर्मा है जो दिल्ली का रहने वाला है। राजीव के पास से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को राजीव से देश की रक्षा से जुड़े कई गोपनीय दस्तावेज मिले थे जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस (Delhi police) की स्पेशल टीम ने शुक्रवार को एक फ्रीलांस पत्रकार (Freelance journalist) राजीव शर्मा  को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है। राजीव दिल्ली का रहने वाला है।आरोपी पत्रकार राजीव के साथ पुलिस ने उसके दो साथियों को भी गिरफ्तार किया है। उसके दोनों साथी चीनी और नेपाली नागरिक हैं। राजीव के पास से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को राजीव से देश की रक्षा से जुड़े कई गोपनीय दस्तावेज मिले थे जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

राजीव को स्पेशल सेल ने छह दिनों की पुलिस कस्टडी में रखा है। आरोपी पत्रकार ने जहां से गोपनीय दस्तावेज प्राप्त किए थे उसके बारे में पूछताछ की जाएगी और उन स्थानों पर भी ले जाया जाएगा। पुलिस के मुताबिक, आरोपी के परिवार वालों से भी सामान्य पूछताछ होगी। राजीव शर्मा जिस व्यक्ति से फोन पर सबसे अधिक संपर्क में था उससे भी पूछताछ होगी। इसके अलावा आरोपी का ईमेल अकाउंट और मोबाइल की भी जांच होगी।

यूट्यूब चैनल चलाते हैं राजीव

बता दें शर्मा एक यूट्यूब चैनल चलाते हैं जिसपर उन्होंने दो वीडियो अपलोड किए थे। आठ मिनट के वीडियो में उन्होंने कहा था कि भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुए समझौते के बाद भी दोनों देशों के बीच शांति का रास्ता बहुत मुश्किल भरा है। अभी भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि मॉस्को में दो विदेश मंत्रियों के बीच हुई बातचीत के अनुसार सब कुछ खत्म हो जाएगा।

ग्लोबल टाइम्स के लेख में क्या कहा था?

यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया, द ट्रिब्यून और सकाल टाइम्स के साथ काम कर चुके शर्मा ने हाल ही में चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) के लिए 7 सितंबर को एक लेख लिखा था। लेख में उन्होंने कहा था कि 5 मई की रात से द्विपक्षीय संबंधों में लगातार गिरावट ने एक ही झटके में पिछले वर्षों के सभी राजनयिक लाभ को व्यावहारिक रूप से खत्म कर दिया। साल 1962 के बाद से दोनों पक्षों के बीच सामान्य संबंधों के लिए वर्तमान संकट सबसे बड़ा खतरा है। उनका आम उद्देश्य अपने लोगों के लिए एक बेहतर और शांतिपूर्ण भविष्य का निर्माण करना होना चाहिए न कि एक दूसरे के खिलाफ सैन्य निर्माण बनाए जाए।

Share this article
click me!

Latest Videos

महाकुंभ 2025 में इंटरनेशनल मूछ नर्तक, पहनावा ऐसा की न हटें लोगों की निगाहें
महाकुंभ 2025 में क्यों नाराज हुए साधु-संत, हुआ हंगामा । Mahakumbh 2025
Sanjay Singh: देश की गाली-गलौज पार्टी के बारे में बहुत बड़ा खुलासा करने जा रहा हूं...
LIVE: पीएम मोदी ने सुनाई मिस्टर परमार की कहानी | PM Modi | Nikhil Kamath |
महाकुंभ 2025