सुनंदा पुष्कर केस: शशि थरूर को बरी किए जाने के 15 महीने बाद HC पहुंची पुलिस, कहा-देरी के लिए माफी योर ऑनर

शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 को एक लग्जरी होटल की सुइट में मृत पायी गई थीं। शशि थरूर और उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर होटल के सुइट में रह रहे थे। थरूर का अधिकारिक आवास को रेनोवेट किया जा रहा था।

Sunanda Pushkar's death case: दिल्ली पुलिस ने सुनंदा पुष्कर के मौत मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर को बरी किए जाने पर हाईकोर्ट का रूख किया है। शशि थरूर को बरी किए जाने के 15 महीने बाद दिल्ली पुलिस ने रिवीजन पेटीशन दायर किया है। हालांकि, देरी से याचिका दायर करने के लिए पुलिस ने कोर्ट से माफी भी मांगी है। हाईकोर्ट ने अगले साल सात फरवरी को सुनवाई के लिए इस मामले को सूचीबद्ध किया है। सुनवाई के पहले हाईकोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर से प्रतिक्रिया भी मांगी है। कोर्ट ने पुलिस की देरी के लिए भी जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि शशि थरूर के मामले की सुनवाई के पहले पुलिस की देरी किए जाने पर सुनवाई कोर्ट करेगा।

2014 को शशि थरूर की पत्नी एक होटल में पाई गई थीं मृत

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शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 को एक लग्जरी होटल की सुइट में मृत पायी गई थीं। शशि थरूर और उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर होटल के सुइट में रह रहे थे। बताया जा रहा है कि थरूर का अधिकारिक आवास को रेनोवेट किया जा रहा था। इस मामले में शशि थरूर को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने उनके खिलाफ क्रूरता और आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे अपराधों में केस दर्ज किया था। हालांकि, पुलिस अदालत में यह साबित करने में विफल रही। तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर को बीते अगस्त 2021 में कोर्ट ने बरी कर दिया था। इस मामले की सुनवाई करीब सात साल तक चली। 

हाईकोर्ट ने शशि थरूर को दिया नोटिस, पहले होगी माफी पर सुनवाई

पुलिस द्वारा रिवीजन पेटिशन दायर करने पर हाईकोर्ट के जस्टिस डीके शर्मा ने शशि थरूर को नोटिस दिया है। हालांकि, कांग्रेस नेता के वकील द्वारा लंबी देरी का उल्लेख करने के बाद जस्टिस शर्मा ने पुलिस से भी देरी के लिए माफी मांगने पर जवाब मांगा है। थरूर के अधिवक्ता विकास पाहवा ने तर्क दिया कि पुलिस ने एक साल से अधिक की देरी के बाद पुनरीक्षण याचिका दायर की है और मुख्य याचिका पर नोटिस जारी करने से पहले अदालत को देरी की माफी के आवेदन पर उनकी सुनवाई करनी चाहिए। कांग्रेस नेता के वकील ने कहा कि इस मामले में उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं था और पोस्टमॉर्टम और अन्य मेडिकल रिपोर्ट से यह साबित हो गया कि यह न तो आत्महत्या का मामला था और न ही हत्या का।

जज ने कहा कि पहले हम देरी की अर्जी माफ करने का फैसला करेंगे। उच्च न्यायालय ने पुलिस के वकील को थरूर के वकील को अपनी याचिका की एक प्रति उपलब्ध कराने के लिए भी कहा है। दरअसल, दिल्ली पुलिस की ओर से अतिरिक्त स्थायी वकील रूपाली बंधोपाध्याय ने शशि थरूर के खिलाफ सुनंदा पुष्कर मौत मामले में दर्ज क्रूरता एवं आत्महत्या के लिए उकसाने के मुकदमें से बरी किए जाने पर पुनरीक्षण याचिका दायर की है। यह याचिका थरूर के बरी होने के करीब डेढ़ साल बाद पुलिस की ओर से दायर किया गया है।

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